कर्नाटक के गृह मंत्री ने मैसूर दुष्कर्म मामले पर वापस लिया अपना बयान, बोले- किसी को चोट पहुंचाना नहीं था मकसद

 

कर्नाटक के मैसुरु में उप्र निवासी छात्रा के सामूहिक दुष्कर्म मामले पर आलोचना का शिकार होने के बाद प्रदेश के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र (Araga Jnanendra) ने शुक्रवार को अपना बयान वापस ले लिया है। साथ ही कहा कि उनका किसी को चोट पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। बता दें कि ज्ञानेंद्र ने दुष्कर्म मामले में बेतुका बयान देते हुए युवती वा इसके दोस्त के शाम के समय घुमने पर आपत्ति जताई थी। उनके इस बयान पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी अफसोस जताया था। वहीं कांग्रेस के कई नेताओं ने इस मामले पर ट्वीट कर न केवल गृहमंत्री ज्ञानेंद्र की ठीक से खबर ली बल्कि भाजपा पर दुष्कर्मियों को बचाने का आरोप भी लगाया था।

चामुंडा हिल्स जा रही थी पीड़िता

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मैसूर में मेडिकल की छात्रा के साथ बीते दिन दुष्कर्म का मामला सामने आया था। मेडिकल की इस छात्रा के साथ शहर के बाहरी इलाके ललिताद्रीपुरा में कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ। पुलिस ने बताया कि मेडिकल छात्रा अपने एक पुरुष मित्र के साथ बाइक पर पीछे बैठकर चामुंडा हिल्स की ओर जा रही थी, तभी कुछ बदमाशों ने उन्हें रोक लिया और इस बर्बर घटना को अंजाम दिया।

पैसे ना मिलने पर बदमाशों ने घटना को दिया अंजाम

मामले में पुलिस ने बताया कि बदमाशों ने शुरूआत में छात्रा और उसके दोस्त को वहां रोककर उनसे पैसे मांगे थे। हालंकि, जब छात्रा ने उन्हें पैसे देने से मना कर दिया तो उन बदमाशों ने पीड़िता के दोस्त पर हमला करना शुरू कर दिया। पीड़िता के दोस्त की पिटाई के बाद वह सब पीड़िता को क्राइम स्पाट पर ले गए और उसे अपने हवस का शिकार बनाया। बता दें कि फिलहाल पीड़ता अस्पताल में भर्ती है वहीं उसका पुरुष मित्र का भी इलाज चल रहा है। पुलिस ने अज्ञात लोगों पर दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया है।