अमेरिका और भारत इमर्जिंग फ्यूल पर सहयोग करने पर हुए सहमत, शुरू होगी यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप

भारत और अमेरिका ने अपने कॉपरेशन एरिया में इमर्जिंग फ्यूल को शामिल करते हुए, ऊर्जा साझेदारी का विस्तार करने पर सहमति जताई है। इसमें पहले बिजली और एनर्जी एफिशिएंसी, तेल और गैस, रिन्यूएबल एनर्जी और सतत विकास शामिल थे। इसके अलावा गुरुवार शाम को यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप (एससीईपी) की मंत्रिस्तरीय बैठक भी हुई। एक आधिकारिक बयान के जरिए इस जानकारी की पुष्टि हुई है।

पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए यह बताया है, “पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप (एससीईपी) को शुरू करने के लिए अमेरिकी ऊर्जा सचिव जेनिफर ग्रानहोम के साथ एक आभासी मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता की।”

SCEP को इस साल अप्रैल में आयोजित जलवायु पर नेताओं के शिखर सम्मेलन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा घोषित यूएस-भारत जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 साझेदारी के अनुसार लॉन्च किया गया था।

इस बैठक में कहा गया कि “दोनों पक्षों ने इमर्जिंग फ्यूल के एरिया में पांचवें पिलर को जोड़ने की घोषणा की है, जो स्वच्छ ऊर्जा ईंधन को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त संकल्प का संकेत देता है। जैव ईंधन क्षेत्र में सहयोग पर काम के दायरे को बनाने के लिए जैव ईंधन पर एक नए भारत-अमेरिका टास्क फोर्स की भी घोषणा की गई है।”

“इसके साथ, एससीईपी अंतर-सरकारी जुड़ाव अब सहयोग के पांचों पिलर्स – बिजली और एनर्जी एफिशिएंसी, रेस्पॉन्सिबल ऑयल और गैस, रिन्यूबल ऊर्जा, सतत विकास और इमर्जिंग फ्यूल में फैल गया है।”

इसके अलावा यह भी कहा गया कि, “मंत्री पुरी और सचिव ने प्रगति और प्रमुख उपलब्धियों की समीक्षा की और विभिन्न स्तंभों के तहत सहयोग के लिए नए क्षेत्रों को प्राथमिकता दी। दोनों पक्ष स्मार्ट ग्रिड, एनर्जी स्टोरेज, फ्लेक्सिबल रिसोर्स और वितरित ऊर्जा संसाधनों के माध्यम से अक्षय ऊर्जा के बड़े पैमाने पर एकीकरण का समर्थन करने के लिए भारत में इलेक्ट्रिक ग्रिड को मजबूत करेंगे, और विश्वसनीय और लचीला ग्रिड संचालन सुनिश्चित करने के साथ-साथ ऊर्जा दक्षता और संरक्षण को बढ़ावा देंगे।”