Period Myths: खट्टा खाने से लेकर वर्कआउट करने तक, पीरियड्स से जुड़े हैं कई मिथक, जानें इनके बारे में

Period Myths: पीरियड्स आज भी एक ऐसा विषय है जिसके बारे में सिर्फ धीमी आवाज़ में ही बात की जाती है। जबकि पीरियड्स एक आम प्रक्रिया है, जिसके बारे में अब खुलकर बात होनी चाहिए। खासतौर पर इससे जुड़े मिथकों को दूर करने की ज़रूरत है।

मासिक धर्म का दर्द, चिकित्सकीय रूप से कष्टार्तव के रूप में जाना जाता है, जो ज़्यादातर महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली एक आम समस्या है। यह कई कारणों से हो सकता है और इसे दो प्रकारों में विभाजित किया जाता है – ऐंठन और कंजेस्टिव दर्द।

कई लोग इसके बारे में चिंतित रहते हैं और सोचते हैं कि यह सामान्य नहीं है, हालांकि, एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि यह बिल्कुल सामान्य है। लगभग 70-80 प्रतिशत महिलाओं में पीरियड्स के दौरान दर्द होता है। दर्द हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकता है। गंभीर मामलों में, कुछ महिलाएं बेहोश भी हो सकती हैं। अलग-अलग महिलाओं में दर्द के प्रकार और लक्षण अलग-अलग होते हैं। यहां पीरियड्स के बारे में कुछ सामान्य मिथक हैं जिन पर हमें विश्वास करना बंद कर देना चाहिए।

मिथक: पीरियड के दौरान दर्द होना गंभीर बीमारी भी हो सकता है।

सच: पीरियड के दौरान दर्द के पीछे का कारण कोई शारीरिक समस्या नहीं होती। वास्तव में, मासिक धर्म के दौरान हल्का से मध्यम दर्द एक अच्छा संकेत है। आपको यह जानकर हैरानी होगी लेकिन पीरियड के दौरान दर्द स्वस्थ यूटेरस और ओवरीज़ की निशानी है।

मिथक: पीरियड्स के दौरान खट्टे और ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।

सच: इस तथ्य के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है कि पीरियड्स के दौरान खट्टा क्यों नहीं खाना चाहिए। खट्टे खाद्य पदार्थ विटामिन-सी से भरपूर होते हैं, जो इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है। ठंडा चीज़ें भी खाई जा सकती हैं। सिर्फ ऑयली और तीखी चीज़ों से दूर रहें क्योंकि यह पीरियड्स के दौरान गैस्ट्रिक तकलीफों को और बढ़ा सकते हैं।

मिथक: पीरियड्स के दौरान आप प्रेग्नेंट नहीं हो सकते।

सच: अमृतसर के अपोलो क्रैडल एंड चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में अब्स्टेट्रिक्स एंड गाइनकोलॉजी कंसल्टेंट, डॉ. सीमा शर्मा का कहना है,”आमतौर पर पीरियड्स के दौरान प्रेग्नेंट नहीं हो सकते, लेकिन कई बार ऐसा होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आमतौर पर एक महिला का मासिक चक्र 22 दिनों का होता है, वे 8वें दिन अंडा रिलीज़ करती हैं। एक महिला के लिए सबसे फरटाइल दिन होते हैं 7वां, 8वां और 9वां, अगर संभोग चक्र के 6वें या 7वें दिन होता है, और जैसा कि शुक्राणु महिला के प्रजनन पथ में प्रवेश के बाद लगभग 24 घंटे तक जीवित रह सकते हैं। तो ऐसे मामलों में प्रेग्नेंसी मुमकिन है।”

मिथक: पीरियड्स के दौरान एक्सरसाइज़ नहीं करनी चाहिए।

सच: अपोलो क्रैडल एंड चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में प्रसूति एवं स्त्री रोग की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. नीरा कृपाल का कहना है, “ऐसा किसी शोध में पाया नहीं गया है कि एक महिला अपने पीरियड्स के दौरान व्यायाम नहीं कर सकती है, यह एक बड़ा मिथक है। जबकि बहुत अधिक व्यायाम करने से मासिक धर्म छूट सकता है या आपके पीरियड्स पूरी तरह से रुक सकते हैं। अनियमितता या मिस्ड पीरियड्स अधिक सामान्य समस्याएं हैं, जिनसे एक महिला गुज़रती है।”

मिथक: ठंडे पानी से नहाने से दर्द बढ़ता है।

सच: मासिक धर्म में दर्द इसलिए होता है क्योंकि आपका गर्भाशय अपनी दीवारों को बहा रहा होता है, जिसका आप अपने शरीर पर किस तरह का पानी डाल रहे हैं, इससे कोई संबंध नहीं है। हालांकि हां, गर्म पानी से नहाने से आपके शरीर को आराम मिल सकता है और इसका सुखदायक प्रभाव हो सकता है, लेकिन ठंडे पानी से नहाने से कोई नुकसान नहीं हो सकता है।

मिथक: पीरियड्स के दौरान स्विमिंग न करें।

सच: पीरियड्स के दौरान स्विम करना बिल्कुल सुरक्षित होता है। यह मिथक उस वक्त का है जब टैम्पॉन्स या मेन्ट्रुअल कप्स का विकल्प नहीं था।

मिथक: पीरियड्स के दौरान संभोग नहीं करना चाहिए।

सच: इस मिथक की जड़ें शायद धार्मिक हैं लेकिन पीरियड्स के दौरान संभोग करना अस्वस्थ नहीं है। वास्तव में, यह कुछ मामलों में ऐंठन को शांत करने में मदद कर सकता है। अगर आप सहज महसूस करती हैं, तो आप अपने पीरियड्स के दौरान संभोग करना बिल्कुल चुन सकती हैं।