जिले में सांप्रदायिक दंगों के मुकदमे वापसी को लेकर सीएम कार्यालय का एक ट्वीट इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। ट्वीट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2013 के दंगों को सत्ता द्वारा प्रायोजित बबताया है। उन्होंने सपा सरकार की ओर इशारा करते हुए ट्वीट में लिखा कि अपने निकम्मेपन व नाकामयाबियों को छिपाने के लिए पिछली सरकार द्वारा निर्दोष लोगों पर जो मुकदमे दर्ज किये गए उन्हें वापस ही लेना था।
सपा सरकार के दौरान सात सितंबर 2013 को जनपद में सांप्रदायिक दंगा भड़क उठा था। 60 से अधिक लोगों की हत्या हुई थी और 50 हजार से अधिक लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा था। एसआइटी ने एक हजार से अधिक लोगों के विरुद्ध 510 मुकदमे दर्ज कर विवेचना शुरू की थी। जिनमें से पुलिस ने विवेचना पूर्ण कर 175 मामलों में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी जबकि 170 मुकदमे एक्सपंज कर दिये गए एवं 165 में एफआर लगा दी गई थी। इस समय कोर्ट में दंगो के 100 से अधिक मुकदमे विचाराधीन हैं।
खाप चौधरियों तथा केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने तीन वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर सपा सरकार के दौरान लोगों पर फर्जी मुकदमे दर्ज करने का आरोप लगाते हुए उनकी वापसी की मांग की थी। जिस पर प्रदेश के न्याय विभाग ने 13 बिंदुओं पर रिपोर्ट लेकर 79 मुकदमे वापस लेने की स्वीकृति देते हुए अभियोजन को 321 सीआरपीसी के तहत कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही का निर्देश दिया था। जिसके उपरांत सात सितंबर को नंगला मंदौड़ में हुई बहु-बेटी बचाओ पंचायत के बाद राजनेताओं पर दर्ज हुए मुकदमे को कोर्ट ने वापस ले लिया था। लेकिन इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने नए दिशा निर्देश देते हुंए बिना हाईकोर्ट की अनुशंसा निचली अदालतों को मुकदमे वापसी संबंधी स्वीकृति देने से मना किया था। गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय से किये गए ट्वीट में योगी आदित्य नाथ ने सरकार द्वारा दंगे के मुकदमे वापसी की अनुशंसा को सही ठहराया।