उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बेहद दमदार तरीके से तैयारी कर रही भारतीय जनता पार्टी सहयोगी दलों के साथ भी बेहतर तालमेल को लेकर गंभीर है। भाजपा ने इसी क्रम में शुक्रवार को अपने सहयोगी दल निषाद के साथ सीट के बंटवारे को लेकर सारी स्थिति स्पष्ट करने के साथ ही सीट के बंटवारे का भी फैसला कर लिया है।
उत्तर प्रदेश के चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान के साथ निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद की शुक्रवार को भेंट के बाद भाजपा व निषाद पार्टी के बीच सीटों को लेकर समझौते की घोषणा संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में की जाएगी। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में होने वाली इस संयुक्त प्रेसवार्ता में 14 अतिपिछड़ी जातियों के आरक्षण पर सहमति के सरकार के फैसले सहित सीटों के बंटवारे की घोषणा होगी। माना जा रहा है कि भाजपा से निषाद पार्टी को दस से अधिक सीटें मिल सकती हैं।
निषाद पार्टी के साथ तमाम अटकलों और उसके नेताओं के बयानों से कभी-कभार मझधार में नजर आती रही भाजपा और निषाद पार्टी के बीच गठबंधन की नैया आखिरकार किनारे पर आ ही गई। 14 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण सहित अन्य मांगों पर केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर सहमति बनने के साथ ही भाजपा व निषाद पार्टी में सीटों के बंटवारे पर भी बात बन गई है। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के साथ गठबंधन करने वाली निषाद पार्टी के बीच 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले शर्तों की एक खाई तैयार हो गई। संजय निषाद 14 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण देने के साथ मछुआरों को नदी-तालाब के पट्टे सहित तमाम मांगों को लेकर मुखर थे। वह स्पष्ट कह चुके थे कि उनकी मांगें नहीं मांगी गईं तो इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा का साथ छोड़ सकते हैं।
गठबंधन को लेकर भाजपा के रणनीतिकारोंने अपना संतुलन बनाए रखा और समझौते की यह नाव आखिरकार किनारे पर ले ही आए। भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश चुनाव प्रभारी व केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान अभी तीन दिवसीय प्रवास पर लखनऊ में हैं। वह और संजय निषाद आज साझा मंच से समझौते की घोषणा करेंगे। इसमें सीटों के बंटवारे की घोषणा भी प्रस्तावित है। संजय निषाद का कहना है कि सीटों की संख्या उनके लिए खास मुद्दा नहीं है। वह तो बस सम्मानजनक सीटें चाहते हैं। उन्होंने बताया कि 14 अतिपिछड़ी जातियों को आरक्षण सहित अन्य मांगों पर केंद्र और राज्य स्तर पर आश्वासन मिला है। माना जा रहा है कि भाजपा इस समझौते में निषाद पार्टी को दस से अधिक सीटें दे सकती है।
प्रदेश में निषाद समाज के वोट का असर समझ रही भाजपा इस सियासी रिश्ते को संभालने के लिए प्रयासरत रही। संजय निषाद ने संतकबीर नगर से सांसद अपने पुत्र प्रवीण निषाद को केंद्र में मंत्री बनवाने का प्रयास किया। वहां सफलता न मिलने पर सुर कुछ बागी हुए, लेकिन भाजपा के रणनीतिकारों ने संवाद नहीं छोड़ा। प्रदेश के नेता ही नहीं, खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने निषाद पार्टी अध्यक्ष के साथ कई बैठक कीं। बीते दिनों एक चैनल के स्टिंग आपरेशन में निषाद तमाम विवादित बोल के साथ यह कहते भी सुने गए कि भाजपा से बात न बनी तो वह समाजवादी पार्टी के साथ भी जा सकते हैं। उनके पुत्र प्रवीण कुमार निषाद समाजवादी पार्टी से गोरखपुर से सांसद भी रहे हैं।
कोर कमेटी की बैठक में भी मंथन
मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर गुरुवार देर शाम भाजपा कोर कमेटी की बैठक हुई। इसमें योगी आदित्यनाथ के साथ ही प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डा. दिनेश शर्मा और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल शामिल हुए। इस बैठक में आगामी अभियान और कार्यक्रमों के अलावा निषाद पार्टी के संबंध में भी बैठक में विचार-विमर्श किया गया।