Farmers Agitation: भारतीय किसान यूनियन (मान गुट) के अध्यक्ष गुणी प्रकाश ने 27 सितंबर के किसान संगठनों के भारत बंद पर सवाल उठाए हैं और इसे पूरी तरह से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि किसान संगठन अब तक चार से पांच बार भारत बंद कर चुके हैं, लेकिन हर बार वह पूरी तरह विफल रहा। किसान संगठनों के इस आंदोलन से पहले ही लोग दुखी हैं। बार-बार भारत बंद का आह्वान कर राजनीतिक दलों के एजेंडे पर चल रहे किसान संगठन किसका भला करना चाहते हैं।
27 सितंबर के भारत बंद के आह्वान को भाकियू मान गुट ने किया सिरे से खारिज
भाकियू नेता गुणी प्रकाश ने कहा कि यह किसान संगठन पंजाब के निवर्तमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की कुर्सी जाने से बौखला गए हैं। इन किसान संगठनों के आंदोलन को कैप्टन अमरिंदर सिंह का समर्थन हासिल है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के हाथों में खेल रहे किसान संगठनों व उनके नेताओं की अब फंडिंग बंद हो जाएगी। इसलिए किसान संगठनों का यह आंदोलन ज्यादा दिन तक नहीं चलने वाला है। कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब व हरियाणा के किसान संगठनों को शह दे रहे हैं, जबकि हरियाणा में कुछ संगठन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तो कुछ रणदीप सिंह सुरजेवाला की देन हैं।
बोले- जिस तरह यशपाल मलिक ने हरियाणा के लोगों का इस्तेमाल किया, अब टिकैट व चढूनी कर रहे
गुणी प्रकाश ने कहा कि दिल्ली को कई बार बंधक बनाने की कोशिश की गई, लेकिन उससे निकला कुछ नहीं। तीन कृषि कानून किसानों के फायदे में हैं। वह किसी सूरत में रद नहीं होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा किसान संगठनों का आंदोलन उन्होंने पहली बार देखा, जिसमें लाल झंडा व धार्मिक झंडा शामिल है। गुणी प्रकाश ने कहा कि जिस तरह से जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान यशपाल मलिक ने उत्तर प्रदेश से आकर यहां के लोगों को बहकाया, उसी तरह से किसान संगठनों के आंदोलन में राकेश टिकैत यहां के किसानों को बरगलाने का काम कर रहे हैं। हरियाणा का होने के बावजूद गुरनाम सिंह चढूनी उनका साथ दे रहे हैं।
भाकियू नेता ने कहा कि किसान संगठनों के इस आंदोलन की पूरी तरह से हवा निकल चुकी है। कुछ लोग हरियाणा के, कुछ पंजाब के और कुछ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जोड़ रखे हैं, जो कि वास्तविक किसान न होकर राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं से ज्यादा कुछ नहीं हैं। गुणी प्रकाश ने कहा कि यदि इन संगठनों को हरियाणा के किसानों के लिए वास्तव में लड़ना ही है तो वह एसवाईएल नहर निर्माण के लिए लड़ाई लड़ें। प्रदेश का पूरा किसान उनके साथ खड़ा नजर आएगा।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि आंदोलनकारियों को अपना साथ दे रही राजनीतिक पार्टियों को यह दर्द है कि हरियाणा में गैरजाट यानी मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार क्यों बनी हुई है। अगर कोई और सीएम होता तो वह अब तक इन आंदोलनकारियों को खदेड़ देता, लेकिन किसान संगठन सीएम की शराफत का नाजायज फायदा उठा रहे हैं। बता दें कि तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान संगठनों के आंदोलन को 27 सितंबर को 10 महीने पूरे हो जाएंगे। ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद का एलान कर रखा है।