कंगना रनोट की फ़िल्म थलाइवी सिनेमाघरों के बाद शुक्रवार रात को नेटफ्लिक्स पर भी स्ट्रीम कर दी गयी है। तमिलनाडु की सीएम रहीं वेटरन एक्ट्रेस जयललिता की इस बायोपिक के हिंदी वर्ज़न के तेरी आंखों में… गाने को अरमान मलिक के साथ प्राजक्ता शुक्रे ने आवाज़ दी है। यह रोमांटिक गाना कंगना रनोट और अरविंद स्वामी पर फ़िल्माया गया है। प्राजक्ता इंडियन आइडल के पहले सीज़न की फाइनलिस्ट रही थीं। सीज़न अभिजीत सावंत ने जीता था। प्राजक्ता के साथ राहुल वैद्य भी पहले सीज़न के फाइनलिस्ट्स में शामिल थे। प्राजक्ता ने जागरण डॉटकॉम के साथ थलाइवी के गाने और रिएलिटी शोज़ को लेकर दिलचस्प बातचीत की। पेश हैं उसके अंश-
‘जब रिकॉर्ड किया, तब पता नहीं था, थलाइवी के लिए है गाना’
प्राजक्ता बताती हैं- ”मुझे पता ही नहीं था, यह इस मूवी के लिए है। इरशाद जी (इरशाद कामिल) के लिरिक्स हैं, बस यह पता था और इरशाद सर ने ही मेरा नाम रिकमेंड किया था। बाद में जब पता चला कि गाना इतनी बड़ी फ़िल्म के लिए है और कंगना रनोट पर फ़िल्माया जाएगा तो मुझे बहुत ख़ुशी हुई। इतनी बड़ी मूवी और कलाकारों के साथ जुड़ना मेरे लिए बड़ी बात है।”
कंगना रनोट की आवाज़ बनूंगी तो अच्छा लगेगा’
प्राजक्ता मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ़ झांसी के दनकिला गाने को भी आवाज़ दे चुकी हैं, जिसे शंकर एहसान रॉय ने संगीतबद्ध किया था। क्या ऐसा माना जा सकता है कि प्राजक्ता कंगना की आवाज़ बनती जा रही हैं? इसके जवाब में प्राजक्ता ने कहा- ”मैं उम्मीद करती हूं कि ऐसा हो और अगर ऐसा होगा तो अच्छा ही लगेगा। दोनों गाने मेरे लिए बड़ी बात है। मणिकर्णिका भी एक अच्छी मूवी है। इतनी बड़ी मूवी में कंगना की आवाज़ बनने का मौक़ा मिला, यह मेरे लिए बड़ी बात है। मैं उनके लिए और दूसरी तमाम बेहतरीन अभिनत्रियों के लिए ज़्यादा से ज़्यादा गाने गाना चाहती हूं।”
‘ज़्यादा एक्सपोज़र से कम हुआ सिंगर-एक्टर की जोड़ी का चलन’
एक ज़माना था, जब किसी ख़ास एक्टर के गाने एक ख़ास सिंगर से ही गवाये जाते थे, जो उसकी आवाज़ कहलाता था, मगर अब यह चलन कम हो गया है। इस पर प्राजक्ता ने कहा- ”ज़्यादा एक्सपोज़र हो गया है। तमाम लोग मुंबई में पहुंचने लगे हैं। सोशल मीडिया का जो बूम आया है, उससे नये-नये चेहरे सामने आये हैं। सोशल मीडिया में लोकप्रियता के अनुसार सिंगर फ़िल्मों में लिए जाते हैं, ताकि गाने की लोकप्रियता बढ़े। हम लोग जब रिएलिटी शो में आये थे तो हमें कोई आइडिया ही नहीं था, किस तरह काम होता है? इसके बाद से कई रिएलिटी शोज़ आये, जिससे काफ़ी बदलाव आया है।”
रिएलिटी शोज़ बस एक प्लेटफॉर्म है, बाकी आपकी मेहनत’
रिएलिटी शोज़ क्या करियर बनाने में मददगार साबित होते हैं? यह पूछने पर प्राजक्ता कहती हैं- ”रिएलिटी शो आपकी आवाज़ को एक अच्छा प्लेटफॉर्म देते हैं। लोगों तक पहुंचने का टीवी कई सालों तक बहुत बड़ा ज़रिया रहा है, अब भले ओटीटी हो गया है। लेकिन, असली जर्नी वहां से निकलने के बाद ही शुरू होती है। आपकी मेहनत, आपका टैलेंट, आपकी क़िस्मत पर निर्भर करा है। जब आपका वक़्त आता है तो आपको मिलता ही है। बाकी बतौर कलाकार हमें काम करते रहना चाहिए, ख़ुद को चमकाते करते रहना चाहिए। अगर ऐसा सोचने लगे कि अब तो यहां आ गये, बस अब तो हो गया। ऐसा नहीं होता है।”
‘हमारे वक़्त में सब नैचुरल था, अब सिंगिंग से अधिक ड्रामा’
इंडियन आइडल 12 विवादों में रहा था। शो पर कंटेस्टेंट्स की झूठी तारीफ़ें और ड्रामा करवाने के आरोप लगे थे। इसको लेकर प्राजक्ता कहती हैं- ”दूसरे सीज़न का तो मैं नहीं कह सकती, पर मैं अपने सीज़न (Indian Idol Season 1) की बात करूं तो उस वक़्त तो सब बहुत नैचुरल था। सब लोगों के लिए वो पहला-पहला था और किसी को कोई आइडिया नहीं था। लेकिन, मैं इस बात से सहमत हूं कि बाद में हमें ड्रामा अधिक देखने को मिलने लगा है। कभी-कभी एपिसोड ड्रामा के बारे में ज़्यादा हो जाता है। ऐसा शायद सोशल मीडिया की वजह से ही है। लोगों को लगता है कि आप अपनी ऐसी कोई इमोशनल स्टोरी बता दोगे तो सिम्पेथी वोट्स मिल जाएंगे।”
‘अच्छे सिंगर फेल होते हैं तो बुरा लगता है’
रिएलिटी शोज़ में ड्रामा की अति की वजह से क्या असली गायकी देखने को नहीं मिलती? इस पर प्राजक्ता कहती हैं- ”हो सकता है, पर वोट किसको मिल रहे हैं, यह उस पर निर्भर करता है। हमारे साथ को-कंटेस्टेंट रवींद्र रवि जी थीं। बहुत अच्छी और खुली आवाज़ थी, पर एक स्टेज के बाद कॉम्पटीशन बहुत मुश्किल हो जाता है। दो-तीन सिंगर निकल गये, पर वोटों की वजह से वो रह गयीं तो बुरा लगा था। लेकिन, रिएलिटी शो के बाद अगर आपका काम अच्छा है तो आप निकलकर आओगे। टाइम लग सकता है।”
‘ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर म्यूज़िकल शो अधिक बनने चाहिए’
OTT के बढ़ते चलन से प्रभावित प्राजक्ता मानती हैं कि म्यूज़िकल शो बनने से सिंगर्स के लिए भी मौक़े बढ़ेंगे- ”ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अधिक से अधिक म्यूज़िकल शोज़ बनने चाहिए। बस एक शंकर एहसान लॉय जी का शो (अमेज़न प्राइम पर बंदिश बैंडिट्स) आया था। अधिक म्यूज़िकल शो बनेंगे तो सिंगर्स को फायदा होगा। शोज़ में प्रतिस्पर्द्धा दिखाने के साथ म्यूज़िशियंस की लाइफ़ को भी एक्सप्लोर करना चाहिए।”
लता-आशा जी इंडस्ट्री की बुनियाद’
पसंदीदा और प्रेरणादायी गायिकाओं के बारे में पूछने पर प्राजक्ता कहती हैं- ”लता जी, आशा जी दो ऐसे नाम हैं, जो हम सबकी फाउंडेशन हैं। इंडस्ट्री की फाउंडेशन हैं। उनके बहुत गाने सुने हैं। उन्हें सुन-सुनकर सीखने की कोशिश की है। उसके बाद कविता (कृष्णमूर्ति) जी, अलका (याग्निक) जी, सुनिधि चौहान, श्रेया घोषाल, साधना सरगम, रिचा शर्मा… और भी बहुत लोग हैं, कितने नाम लूं। सब लोग बहुत पसंद हैं। प्राजक्ता कहती हैं कि मेरी दिली तमन्ना यही है कि मुझे बहुत अच्छे-अच्छे गाने गाने हैं। मैं लोगों की ज़िंदगी का लम्बे समय तक छोटा-सा हिस्सा बनी रहूं।’