जानें- स्‍वच्‍छ भारत मिशन के दूसरे चरण से कितने लोगों को होगा फायदा और कितना है इसका बजट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को मुख्‍यतौर पर शहरो के लिए जिस स्‍वच्‍छ भारत मिशन के दूसरे चरण का शुभारंभ करने वाले हैं उससे देश के विभिन्‍न राज्‍यों और शहरों के करोड़ों लोगों को सीधेतौर पर फायदा होगा। ये इसलिए भी खास है क्‍योंकि इसके जरिए देश वर्ष 2030 के तय लक्ष्‍यों की तरफ एक कदम और आगे बढ़ जाएगा।

ये है बजट

आपको बता दें कि स्‍वच्‍छ भारत मिशन के दूसरे चरण के लिए 1.41 लाख करोड़ और AMRUT (Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation) 2.0 के लिए सरकार ने करीब 2.87 लाख करोड़ का बजट प्रस्‍तावित किया है। जल शक्ति मंत्रालय देश के विभिन्‍न शहरों में स्‍वच्‍छ जल आपूर्ति के लिए विदेशी एजेंसियों से भी मदद लेगा।

ये है योजना

इस मिशन के तहत करीब 4700 लोकल बॉडीज को स्‍वच्‍छ पानी की आपूर्ति की भी शुरुआत हो जाएगी। इस योजनाओं की सबसे बड़ी खास बात देश के शहरों से निकलने वाले कचरे और इससे बनने वाले कूड़े के पहाड़ों को कम करने में मदद मिल सकेगी। आपको बता दें कि देश के विभिन्‍न छोटे और बड़े शहर कचरे से बनने वाले पहाड़ों और इससे होने वाले परेशानियों से दो चार हो रहे हैं।

करोड़ों लोगों को होगा फायदा

आज से शुरू होने वाली योजनाओं की बात करें तो सरकार इनके तहत देश में करीब 2.68 करोड़ पानी के कनेक्‍शन दिए जाएंगे, जिनसे लोगों को स्‍वच्‍छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। इतना ही नहीं शहरों से निकलने वाली गंदगी को साफ कर, इसका दोबारा उपयोग करने लायक बनाया जाएगा। AMRUT 2.0 के तहत आने वाले करीब 500 शहरों में 2.64 करोड़ सीवर कनेक्‍शन भी दिए जाएंगे। इससे करीब 10.5 करोड़ लोगों को फायदा होगा।

ट्रिपल आर फैक्‍टर

रिड्यूज, रीयूज और रीसाइकिल या कहें कि ट्रिपल आर पर आधारित ये योजनाएं सीधेतौर पर आम आदमी से जुड़ी हैं। इसका लक्ष्‍य शहरों को स्‍वच्‍छ बनाना है। इसके लिए शहरों में लगातार बनते कचरे के नए पहाड़ और पुरानों की बढ़ती ऊंचाई को कम या खत्‍म करने की तरफ आगे बढ़ना है। आपको बता दें कि ये स्वच्छ भारत मिशन का दूसरा चरण है जिसके तहत अगले पांच वर्षों में शहरों से निकलने वाले कचरे का वैज्ञानिक प्रबंधन किया जाना है।

जन आंदोलन बना स्‍वच्‍छ भारत मिशन

मौजूदा समय में स्‍वच्‍छ भारत मिशन एक जन आंदोलन बन चुका है। शहरों की स्‍थानीय बाडीज को इसके दायरे में लाकर खुले में शौच करने से मुक्‍त बनाया जाएगा। फिलहाल देश में करीब 70 फीसद कचरे का निस्‍तारण वैज्ञानिक आधार पर किया जा रहा है‍ जिसको दूसरे चरण में 100 फीसद तक किया जाएगा।