कर्नाटक सरकार सोमवार को मांड्या जिले के श्रीरंगनपट्टन के पास कावेरी नदी के तट पर गोसाई घाट पर 1,200 कोविड -19 पीड़ितों के लावारिस शवों के लिए ‘पिंडा प्रदाना’ समारोह आयोजित करने जा रही है। ‘पिंडा’ पके हुए चावल की गेंदें होते हैं, जिन्हें घी और काले तिल के साथ मिक्स करके बनाया जाता है। हिंदू अंतिम संस्कार और पूर्वजों की पूजा के दौरान पूर्वजों को ‘पिंड़ा’ अर्पित किए जाते हैं। गरुड़ पुराण (हिंदू धार्मिक ग्रंथ) में परंपराओं के अनुसार, दिवंगत आत्मा को ‘पिंडा’ चढ़ाने से आत्मा को उसके पूर्वजों के साथ जोड़ने में मदद मिलती है।
समारोह में राजस्व मंत्री आर. अशोक मांड्या, जिले के उपायुक्त एस. अश्वथी, सरकार के अवर सचिव मंजूनाथ प्रसाद और खेल एवं युवा मामलों के मंत्री नारायण गौड़ा के साथ शामिल होंगे। इससे पहले मंत्री अशोक ने ‘अस्थिविसर्जन’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। इन 1200 लावारिस शवों का अस्थी विसर्जन दो जून को बेंगलुरु और आसपास के क्षेत्रों में किया गया था।