असंगठित क्षेत्र के 2.5 करोड़ से ज्यादा श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल (e-Shram Portal) पर रजिस्ट्रेशन कराया है। श्रम मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। इस पोर्टल की शुरुआत 26 अगस्त, 2021 को हुई थी। श्रम मंत्रालय (लेबर मिनिस्ट्री) की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ”पोर्टल पर अब तक 2.5 करोड़ से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुए हैं।”
यह पोर्टल प्रवासी मजदूर, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स, गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स सहित असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों का अब तक का पहला नेशनल डेटाबेस है।
श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस बात को लेकर सूचित किया है कि चौथे सप्ताह में बड़े पैमाने पर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया, जिसे इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले श्रमिकों की तादाद 1.71 करोड़ को पार कर गई थी। पांचवें सप्ताह तक इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या 2.51 करोड़ को पार कर गई थी।
इकोनॉमिक सर्वे 2019-20 के अनुसार करीब 38 करोड़ श्रमिक असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं।
यादव ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार ‘मेहनत को सम्मान, अधिकार एक समान’ के मोटो के साथ काम कर रही है। सरकार का ध्यान साक्ष्य पर आधारित नीति निर्माण के जरिए श्रमिकों का कल्याण करना है।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि लेबर से जुड़े सभी पहलुओं से संबंधित डेटा अहम हैं और साक्ष्य के आधार पर नीति निर्माण के लिए वैज्ञानिक तरीके से इकट्ठा किए गए डेटा सबसे अहम होते हैं।
मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में डेटा की बढ़ती महत्ता के साथ-साथ बड़ी संख्या में श्रम बल की मौजूदगी वाले भारत जैसे देश में लेबर ब्यूरो जैसे लेबर और प्राइस स्टैटिस्टिक्स पर पूरी तरह समर्पित होकर काम करने वाले संगठन की जरूरत है।
मंत्री ने ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन और विभिन्न योजनाओं और सुधारों की प्रगति की स्थिति को लेकर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेशों चंडीगढ़, जम्मू व कश्मीर और लद्दाख के श्रम मंत्रियों, श्रम सचिवों और आयुक्तों से बात की।