दिल्ली सरकार ने रामलीला, दशहरा और दुर्गा पूजा का समय बढ़ाकर रात 12 बजे तक कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार ने बृहस्पतिवार को रामलीला, दुर्गा पूजा, दशहरा और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजकों को जनहित में रात 10 से 12 बजे मध्यरात्रि तक लाउडस्पीकर चलाने और सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का उपयोग करने की अनुमति दे दी है। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। उपराज्यपाल अनिल बैजल के आदेश के बाद दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश 16 अक्टूबर तक लागू रहेगा।
पर्यावरण नियमों के तहत रात में दस बजे तक ही लाउडस्पीकर की अनुमति है जिसे अब 12 बजे तक कर दिया गया है। हालांकि आयोजकों को अभी भी दिल्ली पुलिस से अनुमति की आवश्यकता होगी।
आदेश में उल्लेख किया गया है कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने भी आगामी त्योहारों के जश्न के लिए 15 नवंबर तक सभाओं और बड़ी सभाओं के आयोजन पर भी प्रतिबंध में ढील दी है। डीडीएमए के नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार दिल्ली में त्योहारों के दौरान मेलों, खाद्य स्टालों की अनुमति नहीं होगी। सरकार के इस फैसले से रामलीला और दुर्गापूजा समितियों के साथ-साथ आम लोगों को भी राहत मिलेगी।
दिल्ली में उत्सव के आयोजनों में खड़े होने या बैठने की अनुमति नहीं है, केवल सामाजिक दूरी के साथ कुर्सियों पर बैठने की अनुमति है। सरकार की तरफ से जारी दिशानिर्देशों में कहा गया है कि दिल्ली में सार्वजनिक स्थानों और नदी तट पर छठ समारोह की अनुमति नहीं दी जाएगी।
नवरात्र के पहले दिन भक्तों ने की मां शैलपुत्री की पूजा
वहीं, नवरात्र के पहले दिन बृहस्पतिवार को मां के दर्शन करने के लिए मंदिरों पर सुबह से ही भक्त पहुंच गए। कालकाजी मंदिर व छतरपुर स्थित कात्यायनी शक्ति पीठ पर दूर-दूर से भक्त पहुंचे और मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की। मां का शृंगार होने के बाद सुबह-शाम मंदिर के मुख्य पुजारी ने आरती की, जिसमें भक्तों ने मां के जयकारे लगाए और सुख-समृद्धि की दुआएं मांगी। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं से शारीरिक दूरी बनाकर रखने की अपील भी की जा रही थी। भक्तों की सुरक्षा के लिए मंदिर में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। मंदिर परिसर के आसपास पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।