लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को उपद्रव के बाद हिंसा में मृत चार किसानों की अंतिम अरदास मंगलवार को है। इसकी तैयारी को लेकर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत सोमवार की देर शाम तिकुनिया पहुंचे, जबकि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मंगलवार सुबह लखनऊ से रवाना हो गई हैं। किसान नेताओं ने इसके साथ ही चेतावनी भी दी है कि वह राजनेताओं को अपना मंच साझा नहीं करने देंगे। वहां पर टकराव की आशंका में भारी पुलिस बल सोमवार रात से एकत्र है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी लखीमपुर खीरी में किसानों की अंतिम अरदास में शामिल होंगी। उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा इस हिंसा कांड को लेकर बेहद गंभीर हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा चार शहीद किसानों के अंतिम अरदास में भाग लेंगी। लखीमपुर खीरी जाने के लिए वह लखनऊ एयरपोर्ट से रवाना हो गई हैं। वह लखीमपुर खीरी के साथ ही बहराइच जाकर मृत किसानों के परिवार के लोगों से भी मिली और रविवार को वाराणसी में किसान न्याय रैली की।
लखीमपुर खीरी की हिंसा में मृत चार किसानों की तिकुनिया में आज अंतिम अरदास होगी। संयुक्त किसान मोर्चा के साथ ही भारतीय किसान यूनियन ने इसमें किसी भी राजनेता को मंच साझा करने की अनुमति नहीं दी है। मंगलवार को होने वाली अंतिम अरदास के पहले भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने यह बयान जारी किया है। तिकुनिया गांव में जहां हिंसा हुई थी, वहां से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर एक मैदान में अंतिम अरदास की तैयारी पूरी कर ली गई है। देर शाम भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत भी लखीमपुर पहुंच गए हैं। अन्य राज्यों से भी किसान पहुंच रहे हैं। राकेश टिकैत के साथ भाकियू टिकैत के कई वरिष्ठ नेता भी किसानों की अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए उनके साथ पहुंचे। यहां मंगलवार को होने वाले किसानों की अंतिम अरदास में हिस्सा लेंगे। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ देश के अन्य राज्यों के विभिन्न कृषि संघों के किसान और नेता तिकुनिया में अरदास और भोग कार्यक्रम में भाग लेंगे। सभी अंतिम अरदास में शामिल होकर खीरी कांड में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। भाकियू नेता राकेश टिकैत स्वयं कार्यक्रम की व्यवस्था संभाल रहे हैं।
किसान नेताओं का स्पष्ट कहना है कि अंतिम अरदास में किसी भी राजनीतिक नेता को मंच साझा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहां संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता मौजूद होंगे। एसकेएम किसान संघों का एकछत्र संगठन है और यह तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध का नेतृत्व कर रहा है। जो पिछले वर्ष से लागू हैं। किसान संघों ने कहा था कि लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर अगर सरकार 11 अक्टूबर तक उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वह मारे गए चारों किसानों की अस्थियों के साथ लखीमपुर खीरी से शहीद किसान यात्रा निकालेंगे। टिकैत ने मांग की थी कि इस जघन्य कांड के लिए मुख्य आरोपित केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्र को गिरफ्तार किया जाए और केंद्रीय मंत्री को उनके पद से बर्खास्त किया जाए। इसके साथ संयुक्त किसान मोर्चा ने 18 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक पूरे देश में रेल रोको विरोध और 26 अक्टूबर को लखनऊ में एक महापंचायत का आह्वान किया है।