पंजाब कांग्रेस में उथल-पुथल के बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आवास पहुंचकर उनसे मुलाकात की। इस बीच खबर है कि सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने यह जानकारी दी है। दोनों नेताओं की मुलाकात ऐसे समय हुई है जब सिद्धू का पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के प्रति विद्रोही रवैया साफ नजर आ रहा है। दिल्ली में मौजूद सिद्धू ने गुरुवार को पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मुलाकात की थी। सिद्धू ने 28 सितंबर को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उन्होंने सभी मुद्दे राहुल गांधी जी को बताए और वो सब हल हो गए हैं। इसके बाद हरीश रावत ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ने राहुल गांधी से कहा कि वो प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में अपनी ड्यूटी शुरू कर रहे हैं। हमारे लिए इस्तीफे का मामला खत्म हो गया है। उन्होंने राहुल गांधी के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया। हमने उनसे कहा है कि यहां उनकी चिंताओं का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने राहुल गांधी को आश्वासन दिया कि उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। सिद्धू ने कहा है कि उनके नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी हैं और वे जो कहेंगे उसका पालन करेंगे और पार्टी के लिए काम करना जारी रखेंगे।
पंजाब में कैबिनेट विस्तार के बाद नौकरशाही व्यवस्था और उनके आदेशों का पालन नहीं किए जाने से सिद्धू कथित तौर पर नाराज थे। इसके चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उनका इस्तीफा पार्टी ने स्वीकार नहीं किया गया था। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, सिद्धू के इस्तीफे से आलाकमान खुश नहीं था।
सिद्धू ने अपने इस्तीफे के बाद कहा था कि वह हमेशा पार्टी नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ खड़े रहेंगे। राज्य पार्टी प्रमुख के रूप में सिद्धू के इस्तीफे ने पंजाब कांग्रेस में संकट गहरा गया था। उनके करीबी माने जाने वाले तीन कांग्रेस नेताओं ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था। अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव से पहले यह कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका था। चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के 16वें मुख्यमंत्री के रूप में 20 सितंबर को शपथ ली थी। इसके कुछ दिनों पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू के साथ महीनों तक चले संघर्ष के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।