लखबीर सिंह की आत्मा की शांति के लिए किया जाएगा हवन, चौकी के सामने कुंड तैयार

लखबीर सिंह की आत्मा की शांति के लिए नरेला बी4 चौकी पर हवन किया जाएगा, इसके लिए यहां पर एक कुंड तैयार किया गया है। हालांकि पीड़ित परिवार को मुआवजा, सरकारी नौकरी और आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर धरना जारी रहेगा। फिलहाल हिंद मजदूर किसान समिति के अध्यक्ष चंद्रमोहन, लखबीर की बेटी, पत्नी, पिताजी समेत करीब एक दर्जन लोग गृहमंत्री अमित शाह से मिलने गए हैं। समिति के सदस्यों के अनुसार वो गृहमंत्री अमित शाह के सामने अपनी मांगे रखेंगे।

दरअसल बुधवार को कुंडली बार्डर पर निहंगों की बर्बरता का शिकार हुए दलित व्यक्ति लखबीर सिंह की आत्मा की शांति के लिए हवन करने जा रहे थे, इस दौरान उनके स्वजन और समर्थकों को बुधवार शाम को दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर नरेला में ही रोक दिया। मगर फिर भी वे लोग बैरिकेड तोड़कर जाने लगे तो उनपर लाठीचार्ज कर दिल्ली पुलिस ने स्थिति को काबू में किया। जिसके बाद समर्थकों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की व सड़क पर ही धरना शुरू कर दिया था। समर्थकों में ज्यादातर उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के लोग थे। ये लोग कुंडली बार्डर पर उसी जगह हवन करने जा रहे थे, जहां पर लखबीर की हत्या की गई थी। निहंगों की महापंचायत के चलते वहां पर भारी संख्या में निहंग मौजूद हैं।

इसलिए नहीं जाने दिया कुंडली बार्डर

दरअसल जिस जगह पर लखबीर सिंह की नृशंस हत्या की गई थी, उस जगह पर निहंगों का कब्जा है। बुधवार को पंजाब समेत कई राज्य से काफी संख्या में निहंग महापंचायत के लिए इकट्ठे हुए थे। अगर इस दौरान लखबीर के स्वजन कुंडली बार्डर पर जाते तो निहंग व लखबीर के समर्थकों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो जाती। इसी संभावना के चलते पुलिस ने सिंघु बार्डर से करीब ढाई किलोमीटर पहले ही उन्हें रोक लिया।

जहां हुई थी घटना वहीं करना चाहते हैं हवन

मेरठ निवासी लखबीर के समर्थकों में से एक सुरेश ने बताया कि कृषि कानून विरोधियों ने पहले 26 जनवरी को लाल किले पर देश को शर्मसार किया था और अब एक गरीब की हत्या कर दी। इसके बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है और उसके हत्यारों को सजा नहीं दे रही है। इसलिए लखबीर की आत्मा की शांति के लिए वह उसी जगह हवन करना चाहते हैं, जहां उसकी हत्या की गई थी। जब तक वह हवन नहीं कर लेते धरना जारी रहेगा।

पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों में टकराव न हो इसलिए नरेला में उन्हें रोक लिया गया। इस दौरान कुछ लोगों को चोट भी आई है। दशहरे के दिन पंजाब के तरनतारन के चीमा कलां गांव के लखबीर सिंह की नृशंस हत्या कर दी गई थी। लखबीर सिंह के हाथ काटकर और पैर तोड़कर बैरिकेड पर मरने के लिए लटका दिया था। हत्या के बाद कार्रवाई न होने से आहत लखबीर की बहन व बेटियां उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के लगभग 700 समर्थकों के साथ घटना स्थल पर हवन करने के लिए करनाल बाइपास के रास्ते सिंघु बार्डर की तरफ रवाना हुए।