सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि पटाखों पर उसके द्वारा रोक लगाया जाना किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है। हम आनंद की आड़ में नागरिकों के अधिकारों के उल्लंघन की इजाजत नहीं दे सकते हैं। सर्वोच्च अदालत ने साफ कहा कि वह चाहती है कि उसके आदेशों का पूरी तरह से पालन किया जाए। जस्टिस एमआर शाह और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए यहां पर मौजूद हैं।