Anil Deshmukh News Update: अनिल देशमुख को विशेष अदालत ने 6 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेजा

महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को धन शोधन के एक मामले में छह नवंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया गया है। उन्हें 12 घंटे की पूछताछ के बाद सोमवार देर रात ईडी द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था।

अनिल देशमुख अपने वकील के साथ सोमवार दोपहर बेलार्ड एस्टेट स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे थे, जहां देर रात तक उनसे पूछताछ होती रही। सूत्रों के अनुसार वह खुद पर लगे आरोपों से संबंधित ईडी के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। जिसके कारण उन्हें रात डेढ़ बजे गिरफ्तार कर लिया गया।

मंगलवार को दोपहर बाद उन्हें अवकाशकालीन अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पी.बी.जाधव के सामने पेश किया गया। जहां ईडी का पक्ष रख रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल सिंह ने उन्हें 14 दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेजे जाने की मांग की थी। क्योंकि उनके द्वारा किए गए लेनदेन की जांच के लिए उन्हें हिरासत में रखा जाना जरूरी है। लेकिन अनिल देशमुख के वकीलों विक्रम चौधरी एवं अनिकेत निकम ने इसका विरोध किया और कहा कि ईडी को इस मामले में देशमुख की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है। क्योंकि मुंबई उच्चन्यायालय ने सिर्फ सीबीआई को उन पर लगे आरोपों की जांच करने के निर्देश दिए हैं।

देशमुख के वकीलों ने उनकी उम्र का भी हवाला देते हुए कहा कि 71 वर्षीय देशमुख का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। उन्हें सहारे की जरूरत पड़ती है। इसी वर्ष फरवरी में कोविड से भी पीड़ित रह चुके हैं। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अनिल देशमुख को छह नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेजने का निर्देश दिया। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय पूर्व गृहमंत्री पर लगे 100 करोड़ रुपयों की वसूली मामले में उनकी जांच कर रहा है।

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने गृहमंत्री रहते हुए पुलिस अधिकारियों से मुंबई के बारों एवं रेस्टोरेंट्स से 100 करोड़ रुपए हर महीने वसूली करने को कहा था। सिंह के इन आरोपों पर उच्चन्यायालय ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई ने 21 अप्रैल को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। सीबीआई जांच शुरू होने के बाद ही देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

सीबीआई की प्रारंभिक जांच के दौरान पता चला कि तत्कालीन एपीआई सचिन वाझे के जरिए मुंबई के कई बारों से करीब 4.70 करोड़ रुपयों की वसूली की गई। इनमें से 4.18 करोड़ रुपए हवाला के जरिए दिल्ली की कुछ कागजी कंपनियों को भेजे गए। उन कंपनियों से यह पैसा देशमुख के एक पारिवारिक न्यास श्री साईं शिक्षण संस्थान को भेजा गया।

पैसों का यह लेनदेन देशमुख के दो सहयोगियों के जरिए किया गया। इनमें से एक अतिरिक्त जिलाधिकारी रैंक के उनके निजी सचिव संजीव पलांडे एवं उनके निजी सहायक कुंदन शिंदे थे। ईडी इन दोनों को कई माह पहले गिरफ्तार कर चुकी है।

अब तक क्या-क्या हुआ?

अनिल देशमुख को ईडी ने 100 करोड़ रुपये की जबरन वसूली और मनी लान्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया। ईडी के एक अधिकारी के मुताबिक, सोमवार को केंद्रीय एजेंसी कार्यालय में देशमुख से 13 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तारी की गई है। पूर्व मंत्री को अब अदालत में पेश किया जाएगा। इससे पहले वह अपने वकील के साथ सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट पर दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट इलाके में स्थित एजेंसी के कार्यालय में आए थे।

अधिकारियों ने बताया था कि केंद्रीय जांच एजेंसी महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में 100 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत एवं वसूली मामले में की जा रही आपराधिक जांच के संबंध में धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 71 वर्षीय नेता के बयान दर्ज कर रही है। वसूली के आरोपों के कारण देशमुख को अप्रैल में इस्तीफा देना पड़ा था।

ईडी ने 5 बार जारी किया था समन

इससे पहले ईडी की तरफ से पांच बार समन जारी किये जाने के बावजूद देशमुख पेश नहीं हुए थे। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट की तरफ से पिछले सप्ताह इन समनों को रद्द करने से इनकार करने के बाद वह एजेंसी के समक्ष पेश हुए थे। एनसीपी के नेता ने कहा कि उन्होंने बिना किसी डर या पक्षपात के केवल पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की मांग की है।