अनिवासी भारतीय को पत्नी से संबंध बनाने के लिए 80 लाख की जमानत पर अमेरिका जाने की अनुमति

रेवाड़ी में धोखाधड़ी के मुकदमे का सामना कर रहे एक अनिवासी भारतीय (एनआरआइ ) को अपनी पत्‍नी से वैवाहिक संबंध बनाने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अमेरिका जाने की अनुमति दे दी है। उसे इसके लिए हाईकोर्ट ने 80 लाख रुपये की जमानत देने का आदेश दिया है। जस्टिस विकास बहल ने यह आदेश अमित सुरेशमल लोढ़ा द्वारा दायर एक याचिका का निपटारा करते हुए दिया। एनआरआइ  वर्तमान में मुंबई में रह रहा है। उसने इससे पहले जिला न्यायालय से अमेरिका जाने की अनुमति मांगी थी, उसकी मांग ठुकरा दी गई थी।

याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पत्‍नी के साथ वैवाहिक संबंध बनाने व पत्‍नी और बेटे से मिलने का अधिकार है। याची के विरुद्ध एक आपराधिक वाद लंबित होने के कारण उसे इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। लेकिन ,विचाराधीन वाद में उसकी उपस्थिति सुनिश्चित हो सके, इसके लिए उसे 40-40 लाख रुपये की दो जमानत देनी होंगी।

लोढ़ा ने रेवाड़ी अदालत द्वारा पारित 16 दिसंबर 2020 के आदेश को निरस्त करने की मांग की थी, जिसके तहत उसने 30 दिन के लिए अमेरिका जाने व उसका पासपोर्ट जारी करने की मांग ठुकरा दी गई थी। लोढ़ा पर धोखाधड़ी के एक प्रकरण में रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा थाने में केस दर्ज है। उसे अग्रिम जमानत मिल गई थी और वह जांच में भी शामिल हुआ था, लेकिन उसका पासपोर्ट पुलिस के पास जमा करा दिया गया था।
लोढ़ा ने बताया कि उसका विवाह एक अमेरिकी युवती से हुआ है। दोनों का एक बेटा है, जो जन्म से अमेरिका का नागरिक है। लोढ़ा अपनी पत्‍नी से वैवाहिक संबंध बनाने व बेटे से मिलने जाना चाहता था। याची के वकील ने तर्क दिया कि यह भारत के प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है। राज्य की तरफ से दलील दी गई कि अगर याची वैवाहिक संबंध बनाना चाहता है व पत्‍नी और बेटे से मिलना चाहता है तो वह उनको भारत बुला सकता है। याची की तरफ से दलील दी गई कि वह एक ग्रीनकार्ड धारक है और ग्रीनकार्ड की वैधता को बनाए रखने के लिए उसे अमेरिका का दौरा करना आवश्यक है।