ममता की सियासी सेंधमारी से कांग्रेस व टीएमसी में खटास, दीदी पर पीएम से मिले होने का लगाया आरोप

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के रिश्तों में खटास बढ़ाती जा रही है। टीएमसी ने अपने विस्तार के लिए कांग्रेस में सियासी सेंधमारी तेज कर दी है। ताजा घटनाक्रम में बिहार कांग्रेस के नेता कीर्ति आजाद ने मंगलवार को ममता बनर्जी की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस के पूर्व नेता अशोक तंवर और जदयू के पूर्व नेता पवन वर्मा भी टीएमसी में शामिल हो गए।

बंगाल, असम, गोवा, त्रिपुरा, मेघालय और उत्तर प्रदेश के बाद अब टीएमसी बिहार के भी कांग्रेस नेताओं को भी गले लगा रही है। कांग्रेस के अलावा दूसरी सियासी पार्टियों के दलबदलू भी टीएमसी को सुरक्षित ठिकाना मान रहे हैं। राजधानी दिल्ली की यात्रा पर आई ममता की मंगलवार को दलबदलुओं से हुई मुलाकातों से विपक्षी खेमे में गहमागहमी बढ़ गई। सबस पहले कीर्ति आजाद ने दीदी से मुलाकात कर टीएमसी का चोला ओढ़ लिया।

इसके बाद जदयू से निष्कासित पूर्व सांसद पवन वर्मा दीदी से मिले और तृणमूल का दामन थामा। हरियाणा में पिछले विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस छोड़ अपनी पार्टी बनाने का नाकाम प्रयोग करने वाले अशोक तंवर भी दीदी की मौजूदगी में टीएमसी में शामिल हुए। संसद के पिछले मानसून सत्र के दौरान दीदी की ओर से विपक्षी एकजुटता की मुखर पैरोकारी के बाद कई राज्यों में कांग्रेस नेताओं को तोड़ने पर अधीर रंजन चौधरी का धैर्य जवाब दे गया। अधीर ने दीदी पर हमला करते हुए कहा कि वे पीएम मोदी से मिल कर कांग्रेस तोड़ने का काम कर रही हैं। पीएम कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं और ममता भी यही सोच रखती हैं।

अधीर ने आरोप लगाया कि ईडी ने जिस दिन उनके भतीजे अभिषेक को पूछताछ के लिए बुलाया तब से ही दीदी कांग्रेस को तोड़ने में जुटी हैं। विपक्ष की अगुआई की दीदी की महत्वाकांक्षा पर निशाना साधते हुए अधीर ने कहा कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में ही विपक्ष की राजनीति आगे बढ़ेगी। अधीर के गुस्से की वजह केवल कीर्ति ही नहीं है। हाल ही में राहुल गांधी की युवा बिग्रेड की प्रमुख सदस्य सुस्मिता देव और गोवा के पूर्व सीएम लुइजिनो फेलेरियो को टीएमसी में शामिल कर राज्यसभा सीट का इनाम देने से भी वे आहत हैं।

त्रिपुरा, मेघालय और गोवा के कई बड़े नेताओं को भी टीएमसी ने तोड़ लिया

त्रिपुरा, मेघालय और गोवा के कई बड़े नेताओं को भी टीएमसी ने तोड़ लिया है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के बेटे अभिजीत पहले ही टीएमसी में शामिल हो चुके हैं। उप्र में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे पंडित कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेश त्रिपाठी भी कांग्रेस छोड़ टीएमसी में चले गए हैं। टीएमसी की यह आक्रामक सेंधमारी कांग्रेस को नागवार लग रही है।

सेंधमारी पर कांग्रेस ने उठाया सवाल

पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा इस सेंधमारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि गोवा में भाजपा की सरकार है, मगर लोग निशाना कांग्रेस पर साध रहे हैं। इससे ही उनकी नीयत के बारे में समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिन्हें संघर्ष के बजाय सत्ता चाहिए वे जाना चाहते हैं तो जाएं। ममता बनर्जी की मौजूदा यात्रा में सोनिया गांधी से उनकी मुलाकात होगी या नहीं इसको लेकर दोनों पार्टियों की ओर से रहस्यमय चुप्पी है। जबकि प्रधानमंत्री से दीदी बुधवार को मिलेंगी।