कांग्रेस संगठन में नेताओं के रहमोकरम पर संगठन में पद पाने के दिन अब लद सकते हैं। पार्टी संगठन में उसी कार्यकर्ता को अहम पद मिला करेगा जो संगठन के चुनाव में कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय रहेगा। इसके चलते फिलहाल प्रदेश में चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया भी ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। बता दें, पंजाब में कांग्रेस ने चार कार्यकारी अध्यक्ष लगाए हैं।
माना जा रहा है कि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की कमेटी का गठन भी इस साल के अंत तक नहीं हो पाएगा। अगले साल जिला अध्यक्षों के चुनाव के बाद ही प्रदेश कांग्रेस का गठन हो पाएगा। प्रदेश कांग्रेस के संगठन की सूची रोकने के पीछे फिलहाल हाईकमान की यह नीति बताई जा रही है। संगठन में चुनाव को लेकर यूं तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्षा कुमारी सैलजा दोनों ही सहमत हैं, मगर फिलहाल की स्थिति में यह नीति कुमारी सैलजा के अनुकूल नहीं है।
इसका कारण यह भी बताया जा रहा है कि सैलजा ने प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल के सहयोग सहित अन्य नेताओं के साथ समन्वय से प्रदेश संगठन की सूची तैयार कर ली है। सैलजा इस सूची को जारी करवाना चाहती हैं। युवक कांग्रेस के चुनाव संपन्न हाेने के बाद हुड्डा खेमा कांग्रेस संगठन में भी चुनाव के जरिये पद देने की वकालत कर रहा है।
नीतिगत फैसलों को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहता हाईकमान
कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए पार्टी हाईकमान की तरफ से प्रदेश के पदाधिकारियों को यही संदेश मिल रहे हैं कि नीतिगत फैसलों से कोई समझौता नहीं किया जाए। यदि चुनाव से किसी पद पर कार्यकर्ता को बैठाया जाता है तो इससे संगठन मजबूत होगा। संगठन के प्रति जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं में भी निष्ठा बढ़ेगी।
पिछले दरवाजे से पद लेने वाले परेशान
कांग्रेस में पिछले दरवाजे से पद लेने की परंपरा वर्षों पुरानी है। इससे आम कार्यकर्ताओं का मनोबल भी टूटता रहा है। पार्टी हाईकमान की चुनाव से पद लेने की नीति का जमीन से जुड़े कार्यकर्ता स्वागत कर रहे हैं तो पिछले दरवाजे से पद लेने वाले नेता इससे परेशान हैं।