पाकिस्तान के जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री जरताज गुल ने तेजी के साथ बदल रहे मौसम पर चिंता जाहिर की है। बुधवार को एक सभा के दौरान उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों और पर्यावरण में तेजी के साथ दर्ज की जा रही गिरावट का मुकाबला करने के लिए ठोस प्रयासों की जरूरत है। इस्लामाबाद की एक यूनिवर्सिटी में सेमिनार के दौरान उन्होंने यह बात कही है।
ग्रीनहाउस गैसों ने बढ़ाया संकट
कॉमसैट्स यूनिवर्सिटी इस्लामाबाद में जलवायु परिवर्तन पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए गुल ने कहा कि वैश्विक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में पाकिस्तान का बहुत कम योगदान है। हम एक फीसदी से भी कम का उत्सर्जन करने के बावजूद जलवायु परिवर्तन के हानिकारक प्रभावों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें पर्यावरण और जलवायु संकट को कम करने की जरूरत है। सेमिनार को संबोधित करते हुए गुल ने बताया कि पाकिस्तान जलवायु परिवर्तन के कारण सूखा, शहरी बाढ़, हीटवेव और ग्लेशियरों के पिघलने समेत कई तरह की प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहा है। जिसके चलते खाद्य असुरक्षा, आम जन-जीवन की हानि और देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहे हैं।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, पाकिस्तान की सरकार ने करीब 10 अरब ट्री सुनामी कार्यक्रम, स्वच्छ और हरित पाकिस्तान, राष्ट्रीय उद्यानों की स्थापना के साथ पर्यावरण की रक्षा और जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए आर्द्र जमीने और वन्यजीवों के पुनर्वास समेत कई तरह के कार्यक्रम शुरू किए हैं। जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री जरताज गुल ने मौसम में बदलाव के कारण, उभर रही चुनौतियों से निपटने के लिए उच्च तकनीक का इस्तेमाल करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि पर्यावरण में हो रहे बदलावों पर उच्च तकनीक का इस्तेमाल कर निगरानी की जा सकती है। ताकी वक्त रहते हम भविष्य में आने वाले चुनौतियों से निपटने की तैयारियां कर सकें।