Vinayaka Chaturthi 2021: आज है विनायक चतुर्थी, जानें पूजा विधि और मंत्र

आज विनाक चतुर्थी है। यह हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्री गणेश जी की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही गणपति बप्पा के निमित्त व्रत उपवास रखा जाता है। धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ है। अत: विनायक चतुर्थी के दिन गणेशोउत्सव मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि विनायक चतुर्थी के दिन सच्ची श्रद्धा से विघ्नहर्ता श्री गणेश की पूजा-उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आइए, विनायक चतुर्थी की पूजा विधि और मंत्र जानते हैं-

आज के दिन भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त दिनभर है। हिंदी पंचाग के अनुसार, विनायक चतुर्थी 7 दिसंबर को सुबह में रात्रि में 2 बजकर 31 मिनट से शुरु होकर रात्रि (7 दिसंबर) 11 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी। व्रती भगवान गणेश की पूजा दिनभर कर सकते हैं।

इस दिन मंदिर में मंत्रोउच्चारण कर भगवान गणेश का आह्वान किया जाता है। जबकि भक्त अपने घर में श्रद्धापूर्वक भगवान गणेश की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ है। भगवान गणेश की सबसे पहले पूजा की जाती है। यह वरदान उन्हें भगवान शिव ने दिया है।

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ़-सफाई करें। इसके बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान कर व्रत संकल्प लें। इसके बाद पंचोपचार कर भगवान गणेश की पूजा फल, फूल और मोदक से करें। इस समय निम्न मंत्र का उच्चारण करें।

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

इस मंत्र का अर्थ है- हे प्रभु! आप विशालकाल शरीर वाले, सहस्त्र सूर्य के समतुल्य महान है। आप मेरे सभी विघ्नों को हर लें और सभी बिगड़े काम बना दें। अपनी कृपा मुझ पर बनाए रखें। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के सभी काम बन जाते हैं।