टिकरी बार्डर से किसानों हुए घर रवाना, ट्रैक्टरों को दुल्हन की तरह सजाया, पुलिस तैनात

केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों के वापस लिये जाने के बाद और किसानों की मांगों पर सहमति बनने बाद किसानों घर वापसी शुरू कर दी है। इस फतेह मार्च में महाराजाओं की तरह किसानों के आगे घोड़ा गाड़ियां और किसान सेना का बड़ा काफिला चलेगा। बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर से रवाना होने से पहले किसान सुबह का नाश्ता यहीं करेंगे। उसके बाद दोपहर का लंगर रास्तों में पड़ने वाले टोल प्लाजा पर होगा। इसके बाद शाम का लंगर बठिंडा में चखने के बाद किसान घरों तक पहुंच जाएंगे। इसके बीच में पड़ने वाले कटार सिंह, गुरुद्वारा बंगा साहिब, गुरुद्वारा साहिब, गुरुद्वारा तलवंडी साबो में भी किसानों के लिए व्यवस्था की गई है।

टिकरी बार्डर से आने वाले किसानों की इन रूटों से होगी रवानगी

टिकरी बॉर्डर से किसान दो काफिलों में रवाना होंगे। एक जींद की तरफ से पटियाला और दूसरा हांसी-हिसार होते हुए बठिंडा जाएगा। इन रूटों में जींद की ओर से जाने वाले किसान टिकरी बॉर्डर से रोहतक, जींद, उचाना, नरवाना से होते हुए पंजाब में पटियाला पहुंचेगें। वहीं दूसरी ओर किसान टिकरी बॉर्डर से रोहतक, हिसार, फतेहाबाद, रतिया या टोहाना से होते हुए पंजाब के बठिंडा पहुंचेगें। माना जा रहा है कि घर लौट रहे किसानों के भव्य स्वागत की तैयारियां की गई है। कुछ जगह ड्रोन से फूल बरसाए जाएंगे। इतना ही नहीं टोल प्लाजा पर किसानों के लिए पकवान भी बनाए जा रहे हैं।

किसानों की घर वापसी पुलिस ने संभाला मोर्चा

बार्डरों से किसानों की वापसी पर पुलिस ने अपना मोर्चा संभाल लिया है ताकि व्यवस्था बनी रहे। पुलिस यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसानों के घर वापसी को लेकर हरियाणा पुलिस ने अलर्ट जारी किया है। पंजाब की तरफ जाने वाले हरियाणा के तमाम रास्तों पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। बहादुरगढ़ में आम लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए कुछ स्थानों पर रूट भी डायवर्ट किया गया है।

नाचते गाते झुमते घर वापसी करेंगें किसान

किसान लंबे काफिले के साथ नाचते-गाते हुए पंजाब पहुंचेंगे। टिकरी बॉर्डर से पंजाब की तरफ जाने वाले किसानों का कई जगह ठहराव होगा और उसके बाद वह अपने-अपने जिलों की ओर रवाना होंगे। किसानों के काफिले के साथ एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गई है, जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी होने पर तुरंत राहत दी जा सके।

इस तरह झांकी निकाल कर जा रहे आंदोलनकारी