आखिर कैसे स्वावलंबन के साथ निरंतर चढ़ सकते हैं तरक्की की सीढ़ियां…

जब मैं 15 साल का था, मुझे उच्च शिक्षा के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। गणित और विज्ञान में कमजोर होने के कारण मुझे लगा कि मैं इंजीनियरिंग के योग्य नहीं हूं।18 साल की उम्र में एक उद्यमी के रूप में असफल रहा क्योंकि मुझे इसका कोई अनुभव नहीं था, न ही मुझमें कोई कुशलता थी। जब मैं 19 वर्ष का हुआ, तो एक पारिवारिक सलाहकार ने मुझे उच्च शिक्षा का ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया और मैंने एमबीए की तैयारी शुरू की। मुझे याद है अंग्रेजी में कुशलता पाने के लिए मैं अपने मित्र के साथ अपने शहर के चौराहे पर खड़े होकर अंग्रेजी के वाक्यों का अभ्यास किया करता था।

20 वर्ष का हुआ तो कैट की परीक्षा में फेल हो गया। इसलिए किसी जाने-माने बिजनस स्कूल के बजाय एक सामान्य से बी-स्कूल में प्रवेश मिला। इसके बाद क्या हुआ? पढ़ाई पूरी करने के बाद मैंने देश के बेहतरीन ब्रांडों – टाइम्स आफ इंडिया, हीरो मोटो कार्प और फोर्ड इंडिया में काम किया और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बिजनेस स्कूल ‘इनसीड’ से शिक्षा प्राप्त की। जब मुझे टेड में बोलने का अवसर मिला तो मैंने उसी रात नौकरी से इस्तीफा दे दिया और अपनी मेटा प्रैक्टिस की नींव रखी। क्योंकि मुझे अब पता चल गया कि मेरा विशेष हुनर, मेरा रुझान क्या है और मैं दुनिया को क्या दे सकता हूं।

मैं यह सब आपको इसलिए बता रहा हूं क्योंकि हर युवा में कुछ ख़ास प्रतिभा होती है। उनकी कुछ मजबूतियां हैं। बस आपको भी यही करना है। उन्हीं मजबूतियों को तलाशना है, उन्हें निखारना और उन पर काम करना है। हां, यह सच है कि बहुत कम लोग अपनी प्रतिभा को बचपन में जान पाते हैं या उन्हें ऐसे अवसर मिल पाते हैं कि वे संगीत, खेल या अन्य विधाओं में अपनी पहचान बना सकें। शेष जितने लोग बच जाते हैं, उन्हें आमतौर पर नौकरी ही करनी होती है या फिर अपने परिवार के बिजनेस को आगे बढ़ाना होता है।

यहां अपने व्यक्तिगत अनुभवों से कुछ बिंदुओं की चर्चा कर रहा हूं। इन पर विचार करें और हो सके तो अमल करने का प्रयास भी करें :

सफल लोगों का साक्षात्कार लें: यदि आप सफल लोगों से मिलते हैं, उन्हें करीब से जानते हैं तो आपको काफी प्रेरणा मिल सकती है। आप उनके करीब जाने के लिए उनका साक्षात्कार ले सकते हैं। उनसे 45-60 मिनट के साक्षात्कार का समय लें। कुछ चुनिंदा प्रश्न बनाएं और उनके जवाब को पूरी एकाग्रता और तन्मयता से सुनें। आप यह जान पाएंगे कि आपको उनसे आगे बढ़ने के कितने सूत्र मिल रहे हैं। जिनका साक्षात्कार करने जा रहे हैं, उनके बारे में पहले पूरा अध्ययन कर लें। इससे आपके भीतर उनसे मिलने से पहले आत्मविश्वास पैदा होगा। उन तक पहुंचने के लिए आप लिंक्डइन का भी प्रयोग कर सकते हैं।

गलतियां करने से न डरें: याद रहे जो प्रयास करते हैं वे ही गलती कर सकते हैं। इसलिए कभी अपनी गलतियों को लेकर लंबे समय तक खुद को न कोसें। बस उससे सीखें और आगे बढ़ते जाएं। आमतौर पर लोग गलती के बाद अपनी पिटाई कर रहे होते हैं, इससे आपको बचना है। याद रहे कि स्वयं को संभालना आपकी पहली जिम्मेदारी है।

छोटे प्रोजेक्ट पर काम करें: किसी कंपनी में कोई प्रोजेक्ट आपको मिले या आप किसी सफल व्यक्ति के साथ रहकर कोई प्रोजेक्ट कर रहे हैं तो यह अच्छा अवसर है। इससे आपको अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। उस प्रोजेक्ट पर पूरा फोकस करें और उसे बेहतर से बेहतर करने का प्रयास करें। इससे आपकी एक निश्चित पहचान बनेगी। आपको आगे और बेहतर मौके मिल सकेंगे।

मेडिटेशन को अपने जीवन में उतारें: फोकस रहने के लिए जरूरी है कि आप अपनी दिनचर्या व्यवस्थित करें। इसमें ध्यान व योग को शामिल करें। ध्यान से आपको अपने मन पर नियंत्रण करने में काफी मदद मिलेगी। इससे आपको अच्छी आदतें विकसित करने में भी सहयोग मिलेगा। याद रखें, अच्छी आदतों से ही आप सफलता के पथ पर सीढ़ी दर सीढ़ी आगे बढ़ सकते हैं।

पहचानें अपनी हाबी: आपको जिस काम में मन लगता है, उसके लिए समय जरूर निकालें। यह आपकी हाबी हो सकती है। ऐसा काम जो आपको तनाव से दूर ले जाए और भीतर से समृद्ध होने का एहसास दे। खुद से पूछें कि आपकी हाबी क्या है। आप यदि अपनी हाबी के लिए समय निकालते हैं तो यह आपको आगे बढ़ने की ऊर्जा से भर देगी। निरंतर आगे बढ़ते जाने की प्रेरणा भी मिलेगी।

किताबों को दोस्त बनाना है: हमेशा किताबों को अपने साथ रखना चाहिए। हालांकि हमारे यहां पुस्तकें पढ़ने का चलन कम है। यदि आप भी किताबें पढ़ने का समय नहीं निकाल पा रहे तो ज्ञानबर्धक ब्राडकास्ट सुनें। आप चाहें तो अपने लिए वीडियो भी तलाश सकते हैं, जहां से आपको कुछ अच्छी और उपयोगी जानकारियां मिलती रहें।

‘मास्टरी’ के नायाब सूत्र: दुनिया में सबको अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिल सकता है। जब आप अपनी प्रतिभा, अपने मजबूत पक्ष को जान लेते हैं, उन पर काम करना शुरू कर देते हैं तो आपको आनंद आने लगता है। इसके बाद आपको नौकरी नौकरी की तरह नहीं लगती। यहां मैं आपको अमेरिकी लेखक राबर्ट ग्रीन की प्रसिद्ध किताब ‘मास्टरी’ के उन प्रमुख बिंदुओं के बारे में बता रहा हूं, जो आपके लिए उपयोगी हो सकती हैं :

  • आप क्या चाहते हैं, उसे तलाशें। नौकरी को रोजमर्रा की बात न समझें।
  • किसी गुरु के शागिर्द बनें। आपके भीतर कुछ नया करने का जोश है तो किसी गुरु की देखरेख में काम करना जरूरी है। इससे आपको काफी नया सीखने को मिलेगा और आपकी
  • ऊर्जा को एक दिशा मिल सकेगी।
  • काम की शुरुआत में आपको पैसे को महत्व नहीं देना है। हमेशा कुछ नया सीखने को महत्व दें।
  • अपने आसमान को बड़ा बनाते जाएं। आप जिस माहौल में काम कर रहे हैं, वहां अपनी सोच को और विकसित करते चलें।
  • मास्टरी की प्रक्रिया पर भरोसा करें। एक नन्हा पौधा कैसे एक विशाल वृक्ष बनता है, इस प्रक्रिया को पूरा होते देखने के लिए पहले इस बात पर यकीन करें।
  • असफलता को सुधार के अवसर के रूप में देखें।
  • असफलता से सीखें। गलती और दोबारा कोशिश की प्रक्रिया से ही हम कुछ नया सीखते हैं। इस प्रक्रिया में रुकना नहीं है, आगे बढ़ते जाएं। कार्य ही सफलता है।
  • मेंटर की तलाश करें। ऐसे मेंटर की, जो आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप हों। मेंटर जो आपको सिखाते हैं, उन्हें अमल में लाएं।
  • अपने काम से जवाब दें। याद रखें, आपका काम खुद आपके बारे में बता देता है।
  • काम पर फोकस करें और नकारात्मकता को नजरअंदाज करें। रचनात्मकता के लिए दरवाजा हमेशा खुले रखें।
  • कुछ अप्रत्याशित के लिए तैयार रहें। अपने मजबूत पक्षों पर टिके रहें।