रेटिंग एजेंसी इकरा का मानना है कि ओमिक्रोन की वजह से विभिन्न राज्यों में लगाए जा रहे प्रतिबंधों से चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च, 2022) में आर्थिक रिकवरी प्रभवित हो सकती है। हालांकि इकरा ने ओमिक्रोन संकट के बावजूद भारत की जीडीपी विकास दर में कोई बदलाव नहीं किया है। इकरा ने इस विकास दर को पहले की तरह ही नौ प्रतिशत के स्तर पर कायम रखा है। इकरा का यह अनुमान अन्य रिसर्च एजेंसी के मुकाबले पहले से ही कम है।
आरबीआइ ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 9.5 प्रतिशत की दर से विकास का अनुमान लगाया है।इकरा का अनुमान है कि कोरोना महामारी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को वित्त वर्ष 2021-22 में 39.3 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। इकरा के मुताबिक अगले साल मार्च तक भारत में 85-90 प्रतिशत व्यस्क वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके होंगे। बूस्टर डोज के साथ 15-18 साल के बच्चों के लिए भी वैक्सीन की घोषणा कर दी गई है। हालांकि यह देखना काफी महत्वपूर्ण होगा कि वैक्सीन कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन पर कितना असरदायक साबित होगी और उससे तीसरी लहर को किस हद तक दूर रख पाने में कामयाबी मिलती है।
इकरा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि कोरोना नए प्रतिबंधों की वजह से अगले साल जनवरी-मार्च में मुख्य रूप से संपर्क चलित सेक्टर प्रभावित होंगे। इस साल अक्टूबर-नवंबर के आंकड़े व्यापक तरीके से भारतीय विकास की रिकवरी को नहीं दर्शा रहे हैं। इस साल अक्टूबर-नवंबर में 13 में से सात आर्थिक मानकों का प्रदर्शन कोरोना पूर्व से बेहतर रहा तो छह मानकों में कोरोना पूर्व के मुकाबले गिरावट रही। इसलिए अभी इसे व्यापक विकास नहीं माना जा सकता है।