Manufacturing PMI: मोमेंटम कम होने के बावजूद भारतीय फैक्ट्रियों ने दिखाया दम, 2021 के अंत में बेहतर हुआ कारोबार

एक निजी सर्वेक्षण से पता चला है कि भारत का विनिर्माण क्षेत्र (Manufacturing Sector) नए ऑर्डर में वृद्धि के साथ 2021 के अंत में बेहतर रहा। हालांकि, दिसंबर में कुछ मोमेंटम कम हुआ। बावजूद इसके उत्पादन तेज ही रहा। लेकिन, उच्च मूल्य का दबाव चिंता का विषय बना रहा। आईएचएस मार्किट द्वारा 6 दिसंबर से 17 दिसंबर के बीच तैयार किया गया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स नवंबर के 57.6 से दिसंबर में गिरकर 55.5 पर आ गया। हालांकि, यह 50 अंक से ऊपर रहा।

पटरी पर लौट रही भारतीय अर्थव्यवस्था

सर्वेक्षण के परिणाम बताते हैं कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में कोरोना वायरस महामारी के कारण आई मंदी का प्रभाव कम हो रहा है और यह निरंतर सुधार की ओर बढ़ रही है। आईएचएस मार्किट के अर्थशास्त्र सहयोगी निदेशक पोलियाना डी लीमा ने एक विज्ञप्ति में कहा, “भारतीय विनिर्माण क्षेत्र के लिए 2021 के अंतिम पीएमआई परिणाम उत्साहजनक हैं। आर्थिक सुधार जारी है, क्योंकि कंपनियां घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से नए काम हासिल करने में सफल रही हैं।”

इसमें कहा गया, “उच्च बिक्री ने उत्पादन में और वृद्धि को कम कर दिया तथा कंपनियों ने अपने पुनर्भरण के प्रयासों को आगे बढ़ाया।” जबकि नवीनतम सर्वेक्षण से पता चला है कि नए ऑर्डर सब-इंडेक्स, घरेलू मांग के लिए प्रॉक्सी, दिसंबर में 58.4 तक गिर गया। हालांकि, यह मार्च 2005 में गेज पेश किए जाने के बाद दीर्घकालिक औसत से ऊपर रहा है, जिसने फर्मों को ठोस उत्पादन बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया।