कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली सरकार ने राजधानी में लाकडाउन लगने की आशंका खारिज कर दी है, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को राजधानी में 10 हजार से अधिक नए मामले आने के बाद साफ कहा कि दिल्ली में लाकडाउन नहीं लगेगा और निर्माण कार्य भी जारी रहेंगे। इसके पीछे उनका तर्क बिलकुल सही है कि मौजूदा संक्रमण गंभीर प्रकृति का नहीं है और मरीजों में हल्के लक्षण देखे जा रहे हैं। ऐसे में लाकडाउन लगाकर लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा करने को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा है कि कोरोना जांच बढ़ाई जाएगी और अधिक से अधिक लोगों की जांच कर उन्हें आइसोलेट किया जाएगा, ताकि संक्रमण को तेजी से बढ़ने से रोका जा सके।
दिल्ली में बुधवार को जहां कोरोना के 10665 नए मामले सामने आए, वहीं आठ मरीजों की मौत भी हुई। संक्रमण दर भी बढ़कर 11.88 हो गई, जो दर्शाता है कि कोरोना संक्रमण किस तरह तेजी से पांव पसार रहा है, लेकिन इस सबके बीच यह भी देखा जाना चाहिए कि अब भी बड़ी संख्या में मरीज ठीक हो रहे हैं और बहुत कम मरीज ही अस्पतालों में भर्ती हैं। यानी हालात, ऐसे नहीं हैं कि उनसे डरकर कारोबार को एक बार फिर चौपट होने की स्थिति में ला खड़ा किया जाए। यदि इस बार कोरोना के मरीजों में सामान्य फ्लू जैसे लक्षण हैं तो उसे इसी रूप में लेना चाहिए और अर्थव्यवस्था का पहिया रोका नहीं जाना चाहिए। इस बीच, साथ-साथ संक्रमण को सीमित रखने के अन्य सभी उपाय भी किए जाने चाहिए।
सावधानी बरतें दिल्ली वाले
दिल्लीवासियों को चाहिए कि जब तक बहुत जरूरी न हो घर से न निकलें, आवश्यक हो तो मास्क लगाकर निकलें और संक्रमण को सीमित रखने में सरकार का सहयोग करें। साथ ही, लक्षण होने पर तत्काल कोरोना जांच कराएं और खुद को आइसोलेट कर लें, ताकि किसी अन्य को संक्रमण न होने पाए। यदि सभी दिल्लीवासी इसे गंभीरता से लेते हैं तो दिल्ली कोरोना संक्रमण को सीमित रखने में सफल हो सकती है।