यहां शुरू हो रही हरियाणा की पहली आवासीय हाकी अकादमी, क्‍या है इसकी खासियत

खेल विभाग की तरफ से गांव हाबड़ी में हरियाणा की पहली लड़कों की आवासीय हाकी अकादमी शुरू की जाएगी। सोमवार को खिलाडिय़ों का चयन करने के लिए ट्रायल लिए गए। ट्रायल देने के लिए हरियाणा, पंजाब और दिल्ली से 167 खिलाड़ी पहुंचे हुए थे। इनमें से 35 खिलाडिय़ों का चयन कर लिया गया है। दो पंजाब से, चार दिल्ली से और 29 खिलाड़ी हरियाणा से लिए गए हैं। इन 35 खिलाडिय़ों में से ही अंतिम 25 खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा।

शाहाबाद की अंतरराष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी रजनी बाला, हाकी प्रशिक्षक गुरबाज सिंह, खेल विभाग के डिप्टी सुरेंद्र सिंह, सीनियर बाक्सिंग प्रशिक्षक गुरमीत सिंह, सीनियर हैंडबाल प्रशिक्षक डा. राजेश कुमार की मौजूदगी में ट्रायल हुए। इनका चयन किया गया है, उनकी सूची खेल मुख्यालय को भेजी जाएगी। चयनित खिलाडिय़ों को सरकार की तरफ से हर सुविधा दी जाएगी। खिलाडिय़ों के रहने, खाने, ड्रेस और खेल किट का खर्च विभाग की तरफ से वहन किया जाएगा। चयन के लिए खिलाडिय़ों की शारीरिक परीक्षा, खेल का ट्रायल और खेल उपलब्धियों को देखा गया है। एक अप्रैल से यह अकादमी शुरू हो जाएगी और चयनित खिलाडिय़ों का प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा।

हाकी का हब है गांव हाबड़ी

गांव हाबड़ी को हाकी का हब माना जाता है। इस समय हाकी प्रशिक्षक गुरबाज सिंह के पास करीब 150 खिलाड़ी अभ्यास करते हैं। गांव से करीब 80 राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकल चुके हैं। 300 से ज्यादा खिलाड़ी राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक हासिल कर चुके हैं। करीब 25 खिलाड़ी ऐसे हैं जो खेल कोटे से सरकारी नौकरी में हैं। गांव में 1960 में हाकी खेल शुरू हुआ था। हाबड़ी में करीब 11 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोटर्फ हाकी स्टेडियम बनाया गया है। सीएम ने स्टेडियम के लिए करीब तीन साल पहले घोषणा की थी। फिलहाल कैथल में एक, जींद में एक, रोहतक में दो, भिवानी में एक, फरीदाबाद में एक, गुरुग्राम में एक, कुरुक्षेत्र में एक, सिरसा में एक, सोनीपत में एक, हिसार में एक एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम बना हुआ है।

हाकी प्रशिक्षक गुरबाज सिंह ने बताया कि सोमवार को हाकी की आवासीय अकादमी के लिए ट्रायल लिए गए हैं। हरियाणा, पंजाब और दिल्ली से 167 खिलाडिय़ों ने ट्रायल दिया, जिसमें से 35 खिलाडिय़ों का चयन किया गया है। खेल मंत्री संदीप सिंह की तरफ से हाकी सहित सभी खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। खेल मंत्री का प्रयास है कि ग्रामीण एरिया से भी खिलाडिय़ों को आगे लाया जाए।