आनलाइन परीक्षाओं में हैकर्स की घुसपैठ, गलत अभ्यर्थियों के चयन की आशंका बढ़ी

तमाम सरकारी पदों पर नियुक्तियों और शीर्ष शिक्षण संस्थानों में नामांकन के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। इसके तहत लिखित परीक्षाओं में नकल के संदर्भ में अनेक तरीके से प्रयास किए जाते रहे हैं। किसी एक तरीके के पकड़ में आने पर दूसरे तरीके की ओर ध्यान दिया जाता है। अक्सर इसमें ऐसे गिरोह भी पकड़ में आए हैं जो बड़ी रकम लेकर अभ्यर्थियों को परीक्षा से पूर्व प्रश्न-पत्र उपलब्ध कराते हैं या फिर प्रश्नों के उत्तर उनतक पहुंचाते हैं। परंतु नकल की अधिकांश तरकीब को जान-समझ लिया गया है और शासन-प्रशासन की ओर से नकेल इतनी अधिक कस दी गई है कि उसे तोड़ पाना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में ये लोग नए नए तरीके तलाशते रहते हैं।

अब नकल करने की एक नई साजिश सामने आई है, जिसमें रूस के हैकर्स के जरिये भारत की बड़ी-बड़ी परीक्षाएं जैसे जेईई, जीमैट, एसएससी और यहां तक कि सेना की आनलाइन परीक्षाएं पास कराई जा रही हैं। दरअसल नकल कराने वाले एक गिरोह ने रूस के हैकर्स से संपर्क करके उनसे एक ऐसा साफ्टवेयर बनवाया है, जिसके जरिये उन्होंने आनलाइन परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों का रिमोट एक्सेस लेकर वहीं से सारे सवालों के जवाब लैपटाप में फीड कर दिए। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने देश के विभिन्न राज्यों में छापेमारी की और ऐसे कई आरोपियों को गिरफ्तार किया, जो इस संगीन अपराध में संलग्न थे।

रिमोट एक्सेस के जरिये किसी भी लैपटाप को कोई दूर बैठा हैकर्स संचालित और नियंत्रित कर सकता है। वैसे आमतौर पर जब ऐसा होता है तो परीक्षा कराने वाले विभाग और संस्था को इसका पता चल जाता है, लेकिन यह साफ्टवेयर इस तरह से विकसित किया गया है कि किसी लैपटाप के रिमोट एक्सेस के दौरान, इसकी जानकारी गुप्त रहती थी और वह पकड़ा नहीं जाता था। इसके जरिये परीक्षा देने वाला अभ्यर्थी केवल अपना लैपटाप खोल कर बैठ जाता था और परीक्षा देने का नाटक करता था, जबकि प्रश्नों के उत्तर दूर बैठा हैकर्स रिमोट एक्सेस के जरिये उसके लैपटाप में फीड कर देता था। इसके बदले में अभ्यर्थियों से मोटी रकम ली जाती थी। पिछले तीन वर्षो में ये हैकर्स अनेक अभ्यर्थियों को जीमैट समेत कई अन्य संगठनों की आनलाइन परीक्षाओं में पास करा चुके हैं।