‘डेल्टाक्रोन’ नाम का कोई कोरोना वैरिएंट नहीं : WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की भारतीय मूल की विज्ञानी डा. कृतिका कुप्पल्ली (Krutika Kuppalli) ने कहा है कि डेल्टाक्रोन (Deltacron) नाम का कोरोना वायरस का कोई वास्तविक वैरिएंट है ही नहीं। दरअसल साइप्रस के एक विज्ञानी ने एक दिन पहले ही दावा किया था कि उनकी टीम ने एक नए वैरिएंट की पहचान की है जो 12 संक्रमितों में मौजूद था।

वहीं UK के वायरोलाजिस्ट ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि यह किसी तरह का नया स्ट्रेन नहीं है बल्कि लैब में डेल्टा वैरिएंट के साथ मिल गया होगा। कोरोना पर डब्ल्यूएचओ की तकनीकी टीम की सदस्य डा. कुप्पल्ली ने ट्वीट किया, ‘डेल्टाक्रोन वास्तविकता नहीं है और हो सकता है कि लैब में सीक्वेंसिंग के दौरान ओमिक्रोन और डेल्टा वैरिएंट के कुछ घटकों के आपस में मिल जाने से बन गया हो।’ उन्होंने कहा कि दोनों वैरिएंट के नाम को एक साथ नहीं मिलाया जाना चाहिए।

ब्रिटेन के विज्ञानी ने भी किया समर्थन लंदन के इंपीरियल कालेज में वायरोलाजिस्ट टाम पीकाक ने भी कुछ ऐसी ही बात कही। उन्होंने कहा कि डेल्टाक्रोन के बारे में मीडिया में जो बड़ी-बड़ी खबरें आई हैं वैसा कुछ भी नहीं है यह स्पष्ट तौर पर कंटेनमेंट का मामला है। लैब में जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान लिक्विड की थोड़ी मात्रा के आपस में मिलने से इस तरह के कंटेनमेंट देखने को मिलते हैं।