हरियाणा की राजनीति में बड़ी हलचल, कुलदीप बिश्‍नोई व मनोहर की मुलाकात से कांग्रेस व भाजपा में हलचल

कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य एवं पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई की मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ हुई मुलाकात के बाद कांग्रेस व भाजपा की सियासत गरमा गई है। मुख्यमंत्री से मुलाकात होते ही कुलदीप बिश्नोई ने इंटरनेट मीडिया पर अपनी और मुख्यमंत्री की एक फोटो शेयर की, जिसमें दोनों बड़े इत्मिनान से हैं। दोनों की बाडी लैंग्वेज कुछ राजनीतिक इशारे कर रही है। यहां तक तो ठीक था, लेकिन कुलदीप ने जब इंटरनेट मीडिया पर यह लिखा कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए सम्मान से वह बेहद अभिभूत हैं तो कांग्रेसियों के साथ-साथ भाजपाइयों के भी कान खड़े हो गए।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात के बाद कुलदीप ने की खास समर्थकों संग मंत्रणा

आदमपुर से भाजपा के टिकट पर कुलदीप के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी बिग बास फेम सोनाली फोगाट ने तो यहां तक कह दिया कि दो साल से मैं दिल्ली में अपना घर छोड़कर हलके के लोगों से मिल रही हूं। यदि क्रेडिट इन लोगों को ही मिलना है तो हम भी अपने घर बैठ जाएंगे। कुलदीप कभी सीवरेज का पानी निकलवाने नहीं आए। अब क्रेडिट लेने के लिए आ गए हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी।

भाजपा नेत्री सोनाली फोगाट का दर्द भी छलका, कहा मैं कुलदीप को क्रेडिट नहीं लेने दूंगी

यह पहला मौका नहीं है, जब सोनाली आदमपुर से कांग्रेस के विधायक कुलदीप पर लाल-पीली हुई हैं। पहले भी कई बार वह कुलदीप पर प्रत्यक्ष हमला बोल चुकी हैं, लेकिन कुलदीप उनके हमलों का जवाब देना वाजिब नहीं समझते। उनकी यह चुप्पी भाजपा के साथ-साथ कांग्रेसियों में भी बेचैनी पैदा कर रही है।

कांग्रेस हाईकमान के सामने खुद को हुड्डा और सैलजा के विकल्प के रूप में करेंगे पेश

कांग्रेस व भाजपा में सियासी आग लोहड़ी के दिन 13 जनवरी को तब सुलगी, जब विधायक कुलदीप बिश्नोई आदमपुर के सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त कराने समेत अनेक समस्याओं के साथ मुख्यमंत्री से मिलने चंडीगढ़ पहुंचे। सीएम ने भी तवा गरम देखा और अपना काम करने में देरी नहीं लगाई। अधिकारियों को फोन लगाया और निर्देश दिए कि कुलदीप के सारे काम कर दो। बस फिर क्या था। कुलदीप धन्य-धन्य।

यह वही कुलदीप हैं, जिनकी हरियाणा जनहित कांग्रेस पार्टी और भाजपा के बीच 2014 में चुनावी गठबंधन होने वाला था, लेकिन अनिल विज की वजह से मामला अटक गया था। इसके बाद कुलदीप कांग्रेस के हो गए। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से उनकी नजदीकियां हैं।

कई मौके ऐसे आए, जब कभी कुलदीप तो कभी उनके बेटे भव्य बिश्नोई के भगवा रंग में रंग जाने की खबरें उड़ीं, लेकिन राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी कुलदीप ने अपने समर्थकों को विश्वास में लिए बिना कोई कदम आगे नहीं बढ़ाया। अब, राजनीतिक कयास और भी अधिक तेज हो गए, जब कुलदीप ने सीएम से मुलाकात कर आने के तुरंत बाद हिसार में रविवार को सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों के अपने खास समर्थकों की बैठक बुलाई।

इस बैठक में हालांकि भाजपा व जजपा गठबंधन की विफलताएं गिनाते हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद पूरे प्रदेश का दौरा करने का निर्णय लिया गया है, लेकिन उनके इस कदम को कांग्रेस हाईकमान के सामने खुद को हुड्डा, सैलजा और रणदीप के विकल्प के रूप में पेश करने वाला तो बताया जा ही रहा है, लेकिन भाजपाई इसमें सीएम से हुई मुलाकात के बाद का असर खोज रहे हैं।

कुछ इस तरह से झलका सोनाली फोगाट के दिल का दर्द

कुलदीप बिश्नोई ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन उनकी राजनीतिक विरोधी सोनाली फोगाट ने रविवार को कहा, मैं पिछले दो साल से सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त कराने के प्रोजेक्ट पर काम कर रही हूं। सात मीटिंग कर प्रोजेक्ट पास करवाया। सीवरेज का पानी निकलवाती हूं। दो साल से कुलदीप बिश्नोई कभी आए नहीं। वह दो-तीन बार विधायक रह चुके हैं। मैं 12 जनवरी को सीएम के राजनीतिक सचिव कृष्ण बेदी को चिट्ठी देकर आई हूं। उसके बाद विधायक क्रेडिट लेने के लिए सीएम के पास चले गए। हम दूसरे के काम का क्रेडिट नहीं लेने देंगे।

उन्‍होंने कहा कि उनका काम सिर्फ क्रेडिट लेने का रह गया है। सीएम ने कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। चाहे कांग्रेस या इनेलो का विधायक हो, वह सबका विकास करते हैं। सीएम का धन्यवाद करती हूं जो कुलदीप को समय दिया। दो साल बाद यह लोग क्रेडिट लेने के लिए आ जाते हैं। यह हमें मंजूर नहीं है। हम भी घर बैठ जाएंगे। दिल्ली में मेरा घर है। क्यों गांव की गलियों में घूमती हूं। हलके के विकास के लिए एक्टिंग भी कम कर दी है। विधानसभा को तवज्जो देती हूं।