अनिल अग्रवाल की खनन कंपनी वेदांत रिसोर्सेज लिमिटेड (Vedanta Resources Limited) की नजर भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिडेट (बीपीसीएल) और शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) जैसी दूसरी सरकारी कंपनियों पर है और इसके लिए वह 10 अरब डालर का फंड बनाने जा रही है। बता दें कि सरकार बीपीसीएल में अपनी पूरी 53 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की कोशिश में है, जिसकी कीमत छह अरब डालर है।
अनिल अग्रवाल ने कहा कि ‘कंपनी 10 अरब डालर का फंड बनाने की प्रक्रिया में है। कंपनी यह फंड अपने संसाधनों और बाहरी निवेश से बनाएगी। सभी लार्ज फंड हमसे जुड़ना चाहते हैं और पैसों की कोई समस्या नहीं होगी।’ उन्होंने कहा कि यह फंड लगभग 10 साल को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है, जो सार्वजनिक कंपनियों में सरकारी हिस्सेदारी को खरीदेगा और उससे बाहर निकलने से पहले उनके लाभ में वृद्धि करेगा।’
बता दें कि अग्रवाल ने पहले कहा था कि वेदांत लंदन स्थित फर्म सेंट्रिक्स के साथ मिलकर 10 अरब डालर का फंड बनाएगी, जो सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में हिस्सेदारी खरीदेगा। वेदांत ने बीपीसीएल का ड्यू डिलीजेंस पूरा तो कर लिया है, लेकिन सरकार ने इस महीने की शुरुआत में शिपिंग कॉरपोरेशन में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली मंगाने की योजना स्थगित कर दी है।
इसके साथ ही, सरकार ने बीपीसीएल और शिपिंग कॉरपोरेशन के लिए बोलियां मंगवाने की कोई तारीख भी नहीं बताई है। अब जब सरकार की ओर से यह तारीख बताई जाएगी तभी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। फिलहाल, वेदांत रिसोर्सेज लिमिटेड को इस तारीख का इंतजार है।
अग्रवाल ने कहा, ‘‘सरकार जैसे ही विनिवेश कार्यक्रम शुरू करेगी, हम यह कोष लाएंगे। कोई भी पैसा डालना या शुल्क और अन्य लागत नहीं चाहता। सभी कुछ तैयार है और जैसे ही सरकार की बोलियां शुरू होंगी, हम इसपर आगे बढ़ेंगे। पैसा कोई समस्या नहीं है।’’