हरियाणा में 29 जनवरी तक मौसम परिवर्तनशील है। अब आगामी एक से दो दिनों में धुंध का सामना करना पड़ेगा। इसके बाद आसमान साफ रहने के आसार है। धूप निकलने से लोगों को जरूर राहत मिल सकेगी। धूप से जहां एक ओर लोगों को राहत मिल रही है तो फसलों को भी काफी लाभ मिलेगा। जिन स्थानों पर बारिश के कारण पानी भर गया है वह भी सूख सकेगा। इसके साथ ही रात्रि तापमान में गिरावट की संभावना है। गौरतलब है कि पिछले दिनों पश्चिमी विक्षोभ के चलते बारिश दर्ज की गई थी।
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यरेखा-क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य- उष्ण कटिबंधीय आंधी है जो सर्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भागों में अकस्मात मैदानी क्षेत्रों में बारिश तो पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी ले आती है। यह बारिश मानसून की बरसात से भिन्न होती है। यह ईरान ईराक अफगानिस्तान होते हुए भारत में प्रवेश करते हैं। हर माह में पश्चिमी विक्षोभ चार से पांच आते हैं।
रबी फसलों में बारिश से बढ़वार के साथ-साथ उत्पादन में होगी बढ़ोतरी
पिछले दिनों से जिले में आई बारिश से रबी की फसलों में भारी इजाफा होगा। गेहूं, सरसों तथा चना की फसल में बढ़वार होने के साथ-साथ उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के कृषि विशेषज्ञ डा प्रवीण मंडल ने बताया कि गेहूं की फसल के लिए बारिश के रूप में सोना बरस था। इससे फसल में बढ़वार होने के साथ-साथ गेहूं की पैदावार में भी बढ़ोतरी होगी।
उन्होंने बताया कि सरसों की फसल में भी इस बूंदाबांदी से काफी फायदा हुआ। पाला पड़ने की संभावना भी काफी कम हो गई है। चने की फसल में भी इस बारिश से उत्पादन में बढ़ोतरी होने की संभावना जताई जा रही है। बारिश के कारण चारे की फसलों में भी फायदा होता दिख रहा है। जिन स्थानों पर अगेती सरसों की बिजाई हुई है वहां हवा चलने से फूल प्रभावित हुए होंगे मगर किसान चिंता न करें। सब्जियों में बारिश फायदेमंद है।