पहले चरण की 58 सीटों के लिए दस फरवरी को मतदान होना है। चूंकि, इनमें अधिकांश सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हैं, इसलिए जातिवाद-क्षेत्रवाद के तमाम जोड़तोड़ के बीच कानून व्यवस्था एक बड़े मुद्दे के रूप में चर्चा में है। दंगों की बात हो रही है, अपराधियों को प्रश्रय देने के आरोप लगाए जा रहे हैं। जनता से वादा है बेहतर कानून व्यवस्था और शांतिपूर्ण वातावरण का, जबकि वास्तविकता यह है कि सत्ता पाने के लिए हर दल बाहुबल और धनबल का सहारा चाहता है। कोई इसमें आगे है तो कोई कुछ कम, लेकिन कुल मिलाकर 25 प्रतिशत प्रत्याशी आपराधिक छवि के हैं। इनमें 20 प्रतिशत पर तो गंभीर मुकदमे में हैं, जिनमें दुष्कर्म, हत्या और हत्या के प्रयास जैसे मामले भी हैं। हर दल ने कैसे सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को नजरअंदाज कर दागियों का दंगल सजाया है, यह बता रही है उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट
अपराधियों को टिकट देने में सपा-रालोद अव्वल : एडीआर ने विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण में चुनाव लड़ने वाले 623 में से 615 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है, जो 58 निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं। 615 में से 156 (25 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इनमें से 20 प्रतिशत उम्मीदवारों के मामले गंभीर अपराध की श्रेणी वाले हैं।
आपराधिक मामले घोषित करने वाले उम्मीदवारों का दलवार विवरण देखें तो समाजवादी पार्टी के 28 में से 21 (75 प्रतिशत), राष्ट्रीय लोकदल के 29 में से 17 ( 59 प्रतिशत), भाजपा के 57 में से 29 (51 प्रतिशत), कांग्रेस के 58 में से 21 (36 प्रतिशत), बसपा के 56 में से 19 (34 प्रतिशत), आम आदमी पार्टी (आप) के 52 में से 8 (15 प्रतिशत) हैं। गंभीर आपराधिक मामलों में की बात करें तो सपा के 61 प्रतिशत, रालोद के 52 प्रतिशत, भाजपा के 39 प्रतिशत, कांग्रेस के 19 प्रतिशत, बसपा के 29 प्रतिशत और आप के 10 प्रतिशत उम्मीदवार हैं। गौर करने वाली बात है कि महिला सशक्तिकरण और उनके हक की आवाज बुलंद करने वाले दलों ने उन दावेदारों को भी टिकट देने से परहेज नहीं किया, जो महिला उत्पीड़न के मुकदमों में फंसे हैं।
महिलाओं के ऊपर अत्याचार से संबंधित मामले घोषित करने वाले 12 उम्मीदवार हैं। इनमें से एक उम्मीदवार ने अपने ऊपर दुष्कर्म से संबंधित मामला घोषित किया है। हत्यारोपित प्रत्याशियों की संख्या छह है, जबकि 30 उम्मीदवारों पर हत्या के प्रयास से संबंधित मुकदमा है। यह भी उल्लेखनीय है कि पहले चरण में 58 में से 31 (53 प्रतिशत) संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र हैं, जहां तीन या उससे अधिक उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। संवेदनशील सीट वह है, जहां तीन या उससे अधिक उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
उत्तर प्रदेश एडीआर के प्रमुख समन्वयक डा. संजय सिंह का कहना है कि पहले चरण के प्रत्याशियों को देखकर स्पष्ट संदेश मिलता है कि राजनीतिक दलों पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, क्योंकि उन्होंने फिर से आपराधिक मामले वाले 25 प्रतिशत उम्मीदवारों को टिकट देने की अपनी पुरानी प्रथा का पालन किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने 13 फरवरी, 2020 के अपने निर्देश में विशेष रूप से राजनीतिक दलों को आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को चुनने वा साफ छवि वाले उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने का कारण बताने का निर्देश दिया था।
धनबल का भी खूब रहेगा बोलबाला : 615 उम्मीदवारों में से 280 (48 प्रतिशत) करोड़पति उम्मीदवार हैं। रालोद के 29 में से 28 (97 प्रतिशत), भाजपा के 57 में से 55 (97 प्रतिशत), बसपा के 56 में से 50 (89 प्रतिशत ), सपा के 28 में से 23 (82 प्रतिशत), कांग्रेस के 58 में से 32 (55 प्रतिशत) और आप के 52 में से 22 (42 प्रतिशत) उम्मीदवार करोड़पति हैं। पहले चरण के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3.72 करोड़ रुपये है। मुख्य दलों में सपा के 28 प्रत्याशियों की औसत संपत्ति 13.23 करोड़, भाजपा के 57 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 12.01 करोड़, रालोद के 29 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 8.32 करोड़, बसपा के 56 प्रत्याशियों की संपत्ति 7.71 करोड़, कांग्रेस के उम्मीदवारों की 3.08 करोड़ और आप के 52 उम्मीदवारों की संपत्ति 1.12 करोड़ रुपये है।
यह है शैक्षिक योग्यता की तस्वीर
- 39 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं से 12वीं के बीच घोषित की है।
- 49 प्रतिशत प्रत्याशियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक और इससे ज्यादा घोषित की है।
- 38 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता साक्षर और 15 प्रतिशत ने असाक्षर घोषित की है।
- 12 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता घोषित ही नहीं की है।
यह भी हैं तथ्य
- 35 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपनी आयु 25 से 40 वर्ष के बीच घोषित की है।
- 53 प्रतिशत प्रत्याशियों ने अपनी आयु 41 से 60 वर्ष के बीच घोषित की है।
- 12 प्रतिशत उम्मीदवारों की आयु 61 से 80 वर्ष के बीच है।
- 12 प्रतिशत महिला उम्मीदवार हैं। 74 महिला इस बार चुनाव मैदान में हैं।