जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति प्रो. एम. जगदीश कुमार को शुक्रवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया। उनका कार्यकाल पांच साल का होगा। इस अवसर पर जेएनयू में कई शैक्षणिक सुधारों के ध्वजवाहक रहे प्रो. एम. जगदीश कुमार से संजीव कुमार मिश्र ने बातचीत की है, पेश हैं वार्ता के प्रमुख अंश-
– नई शिक्षा नीति लागू करना प्राथमिकता होगी। सभी शैक्षणिक संस्थानों में इसे जल्द से जल्द लागू कराया जाएगा। इसे लागू करने में आ रही अड़चनें दूर की जाएंगी। सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति से सुझाव लेंगे। यही नहीं, हम छात्रों से भी बातचीत करेंगे। सभी स्टेकहोल्डर के सुझावों को ध्यान में रखते हुए एनईपी लागू करेंगे।
– बिल्कुल, नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं में पढ़ाई का प्रविधान है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि छात्रों को उनकी भाषा में पढ़ाई की सुविधा मिले। इस पर जोर-शोर से काम किया जाएगा। यह भी मेरी प्राथमिकता भी होगी कि छात्रों को जल्द से जल्द भारतीय भाषाओं में पढ़ाई की सुविधा मिले। एनईपी में मल्टी डिसिप्लिनरी प्रोग्राम का प्रविधान भी है। ऐसा नहीं होना चाहिए कि छात्र सिर्फ तय डिसिप्लिन पढ़ें। स्किल भी सीखें-पढ़ें। इसके लिए करिकुलम को संशोधित किया जाएगा।
– हम गांव के छात्रों के घर तक शिक्षा लेकर जाएंगे। बजट में डिजिटल विश्वविद्यालय की घोषणा की गई है जो छात्रों के लिए बहुत ही लाभकारी साबित होगा। डिजिटल विवि जल्द शुरू करने के लिए काम किया जाएगा।
जो भी केंद्रीय विवि हैं, उन पर राज्यों के नियम लागू होते हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग किसी भी विवि को खोलने या बंद करने के लिए नहीं कह सकती। हां, इस तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। जेएनयू में हमने शिक्षकों को प्रशिक्षित किया कि कैसे आनलाइन पढ़ाएं।
इसी का परिणाम है कि जेएनयू में छात्रों की पढ़ाई अनवरत जारी रही। छात्रों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। छात्रों की हरसंभव मदद की जाएगी।