रूस को लेकर आखिर बाइडन की जुबान पर आ ही गई उनकी मंशा, यूक्रेन पर यदि हमला हुआ तो नार्ड स्‍ट्रीम 2 से हो जाएं अलग

रूस और यूक्रेन के बीच उभरे तनाव में अमेरिका ने अब खुलकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने साफतौर पर कहा है कि यदि रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो रूस से गैस सप्‍लाई के लिए बनाई गई नई नार्ड स्‍ट्रीम 2 पाइपलाइन को रोक देना चाहिए। आपको बता दें कि इससे पहले जिस पाइपलाइन से ये सप्‍लाई की जाती थी वो यूक्रेन से होकर गुजरती थी। इसके लिए रूस हर वर्ष यूक्रेन को हर वर्ष कराड़ों रुपये की आदायगी करता था। लेकिन नार्ड स्‍ट्रीम 2 यूक्रेन की सीमा से अलग समुद्र में से होकर गुजरती है। इसकी वजह से यूक्रेन को हर वर्ष दी जाने वाली रकम का बोझ नहीं पड़ेगा। इस पाइपलाइन से गैस की सप्‍लाई जर्मनी समेत यूरोप के अन्‍य हिस्‍से भी होगी। आपको यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि जर्मनी यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है और रूस की गैस और तेल का बड़ा खरीददार भी है।

बाइडन ने जर्मनी के चांसलर ओलफ स्‍कोल्‍ज पर भी दबाव डाला है कि वो नार्ड स्‍ट्रीम 2 से अलग हो जाएं। पश्चिमी जगत के कई देश भी इसको लेकर जर्मनी पर दबाव बना रहे हैं। व्‍हाइट हाउस से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि ओलफ काफी समय से पाइपलाइन के विरोधी रहे हैं। इसमें ये भी कहा गया है कि रूस की फौज यदि यूक्रेन की सीमा को लांघती है तो ऐसी सूरत में इसको बंद करने के अलावा कोई दूसरा विकल्‍प नहीं होगी। इसमें यहां तक कहा गया है कि यदि रूस हमला करके यूक्रेन की सीमा में दाखिल होता है तो उसकी टैंक रेजीमेंट भी सीमा के अंदर आ जाएंगी। ऐसे में नार्ड स्‍ट्रीम 2 से बने रहने का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा।

बाइडन ने जर्मनी को कहा है कि वो यूरोप के साथ खड़े हैं। उन्‍होंने जर्मनी के चांसलर को कहा है कि वो ऐसा कर सकते हैं। अमेरिकी राष्‍ट्रपति द्वारा कहा गया है कि रूस के बारे में जर्मनी और अमेरिका एक ही तरह से सोचते हैं। दोनों ही रूस पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं। गौरतलब है कि जर्मनी के चांसलर बीते दिनों मास्‍को के दौरे पर गए थे। व्‍हाइट हाउस से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिका इस बारे में नहीं जानता है कि इस दौरान नार्ड स्‍ट्रीम 2 पर क्‍या बातचीत हुई।