कुरुक्षेत्र के शाहाबाद सहकारी चीनी मिल की मिठास विदेश तक पहुंच रही है। इरान व इराक सहित कई देशों के लिए निर्यातक लाइन में हैं। मिल ने इसी को ध्यान में रखकर गन्ना पेराई और चीनी की गुणवता पर जोर दिया है। मिल प्रबंधन की माने तो पिछले साल इरान और इराक में करीब डेढ़ लाख क्विंटल चीनी का निर्यात किया था। इस बार करीब दो लाख क्विंटल चीनी निर्यात करने की तैयारी है। इसको लेकर 15 फरवरी को बोर्ड की बैठक बुलाई है। इसमें चीनी के निर्यात पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
मुख्य लेखा अधिकारी दीपक खटोड़ ने बताया कि शाहाबाद सहकारी चीनी मिल ने 2021-22 की पेराई 18 नवंबर 2021 को शुरू की थी। मिल ने शुक्रवार 11 फरवरी तक 33.50 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की है और 3.12 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है। मिल में चीनी की रिकवरी 10.04 प्रतिशत है। मिल ने इसके साथ अब तक 2.15 करोड़ यूनिट बिजली का निर्यात हरियाणा विद्युत निगम को किया है। मिल प्रबंधन ने किसानों को दस जनवरी तक गन्ने की पेमेंट भी कर दी है।
मिल की सफेद चीनी फायदेमंद
शाहाबाद सहकारी चीनी मिल में सफेद चीनी बनाई जाती है। मुख्य लेखा अधिकारी दीपक खटोड़ ने बताया कि सफेद चीना का सेवन लाभदायक होता है। ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए बेहतर होती है। इसके साथ ऊर्जा बढ़ती है। यह रक्त में जाकर ग्लूकोज में बदल जाती है। सफेद शुगर हाेठों की कमजोर त्वचा को कोशिकाओं को निकालने में सहयोग होती है। इसके साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होती है।
15 फरवरी को बैठक
सहकारी चीनी मिल शाहाबाद कुरुक्षेत्र के एमडी सतेंद्र सिवाच ने बताया कि मिल से करीब दो लाख क्विंटल चीनी निर्यात करने की तैयारी है। इसके लिए निदेशक मंडल की 15 फरवरी को बैठक बुलाई गई है। पिछले साल इरान और इराक में चीनी निर्यात की थी। किसान मिल में साफ सुथरा गन्ना लेकर आएं। ताजे गन्ने में चीनी की रिकवरी अधिक होती है। इससे चीनी की मांग बढ़ेगी।