2022 में चीनियों के मुकाबले भारतीयों की बंपर बढ़ेगी सैलरी, एशिया में बन जाएंगे नंबर 1

कोरोना महामारी (Corona Mahamari) के कारण उपजे संकट के बाद भारतीय कंपनियां कर्मचारियों के वेतन में 9.9 फीसदी की बढोतरी कर सकती हैं, जो ब्रिक्स देशों में सर्वाधिक है। ब्राजील, रूस, भारत और चीन के बीच तुलनात्मक अध्ययन में वैश्विक पेशेवर सेवा फर्म एयोन (Global professional services firm Aons 26th Salary Increase) ने पाया कि भारत में कर्मचारियों के वेतन में सर्वाधिक 9.9 फीसदी की बढ़त का अनुमान है जबकि रूस में 6.1 प्रतिशत, चीन में 6.0 प्रतिशत और ब्राजील में 5 प्रतिशत की तेजी का अनुमान जताया गया है।

इन सेक्‍टरों में होगा बंपर हाइक

रिपोर्ट के मुताबिक, ई कॉमर्स (e-commerce) और वेंचर कैपिटल (venture capital) क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन में सर्वाधिक इजाफा होने का अनुमान है। इसके अलावा हाई टेक (hitech/IT), आईटी, आईटी आधारित सेवा (IT enabled services (ITeS)) और लाइफ साइंस क्षेत्र (life sciences) में कार्यरत कर्मचारियों का वेतन भी बढ़ेगा। हालांकि, रिक्त पदों को न भरने की दर भी भारत में ही सर्वाधिक है। बीते साल यह दर 21 प्रतिशत रही, जो गत एक दशक में सर्वाधिक है।

1,500 कंपनियों के आंकड़े का विश्लेषण किया

भारत में एयोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और साझेदार नितिन सेठी ने बताया कि उथलपुथल के दौर में कर्मचारियों के लिए वेतन में बढ़ोतरी एक स्वागतयोग्य पहल है। हालांकि, कंपनियों के लिहाज से यह एक दोधारी तलवार है, जहां बड़ी संख्या में नौकरी छोड़कर जाने वाले कर्मचारियों के बीच कुशल कर्मचारी को नौकरी पर रखने की कीमत बढ़ रही है। इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए 40 से अधिक उद्योगों की 1,500 कंपनियों के आंकड़े का विश्लेषण किया गया।

कोरोना का बढ़ना बनेगा रोड़ा

एयोन के एक अन्य साझेदार रूपांक चौधरी के मुताबिक कोरोना महामारी की पहली लहर में जूझने वाले उद्योग जैसे रिटेल, लॉजिस्टिक, रेस्‍त्रां आदि भी आधुनिक डिजिटल चैनल के जरिये पटरी पर आ गए हैं और यह वापसी वेतन में 8 फीसदी और उससे अधिक की बढ़ोतरी में देखी जा सकती है। उन्होंने हालांकि महंगाई के दबाव और कोरोना संक्रमण के खतरे को वेतन बढ़ोतरी के रास्ते में रोड़ा बताया है।