पैदल चलने वाले लोग सुरक्षित तरीके से सड़क पार कर सकें, इसके लिए यातायात दबाव के लिहाज से व्यस्त मार्गो पर फुट ओवरब्रिज (एफओबी) बनाए गए हैं, लेकिन लोग लापरवाही करते हैं और एफओबी के इस्तेमाल के बजाय तेज रफ्तार वाहनों के बीच से ही पैदल सड़क पार करते हैं। ऐसे में कई लोग वाहनों की चपेट में आकर अपनी जान तक गंवा देते हैं या फिर हादसे के शिकार होकर दिव्यांग हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें समय समय पर जागरूक करने की जरूरत है। लेकिन एफओबी के इस्तेमाल नहीं करने के पीछे कई बार विभागीय उदासीनता भी सामने आती है, जिसके चलते उचित रखरखाव के अभाव में एफओबी बेकार हो जाते हैं।
लोग अक्सर जल्दबाजी व शार्टकट के चक्कर में एफओबी का इस्तेमाल नहीं करते हैं और रेलिंग आदि फांदकर सड़क पार करते हैं। आजादपुर बस टर्मिनल के निकट बने फुट ओवरब्रिज के निकट सोमवार को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। इनमें कई ऐसी महिलाएं भी दिखीं, जो वाहनों के बीच से सड़क पार कर रही थीं। हालांकि, यहां बने फुट ओवरब्रिज की स्वचालित सीढियां बंद दिखीं। ऐसे में बुजुर्गो, महिलाओं को परेशान होते देखा गया। स्थनीय लोगों ने बताया कि यहां सुबह में कुछ देर के लिए स्वचालित सीढियां बंद की जाती हैं, जो बाद में बंद कर दी जाती हैं। बाहरी रिंग रोड पर भलस्वा चौक के निकट बने एफओबी में लगे लिफ्ट चालू नहीं होने से पैदल यात्रियों का इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस रोड पर बुराड़ी, जगतपुर के पास भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है।
यहां हैं फुट ओवरब्रिज
- बाहरी रिंग रोड
- ’जगतपुर
- ’बुराडी बाइपास
- ’भलस्वा चौक
- ’मुकरबा चौक नीचे
- ’रोहिणी कोर्ट के निकट
- ’शिवा मार्केट
- ’दीपाली चौक सरस्वती विहार
- ’नांगलोई रोहतक रोड
- जीटी करनाल रोड
- ’आजादपुर टर्मिनल
- ’स्वरूप नगर
- रिंग रोड
- ’प्रेमबाड़ी पुल
- देखरेख के अभाव में कई फुट ओवरब्रिज बेकार हो रहे हैं। हालांकि, लोग भी लापरवाही करते हैं और इसका इस्तेमाल न कर वाहनों के बीच से सड़क पार करते हैं।-अजय द्विवेदी
- मैं देख तो नहीं सकता, पर स्वचालित सीढ़ियों का इस्तेमाल कर सकता हूं। लेकिन आजादपुर में एफओबी की स्वचालित सीढ़ियां बंद ही रहती हैं। भारत कुमार
- मैं बुजुर्ग हूं। मेरे पांव में दर्द रहता है। फुट ओवरब्रिज की स्वचालित सीढ़ियां चालू रहतीं तो मुङो ऊपर तक चढ़ने में सुविधा होती। मैं मुश्किल से सीढ़ियों के सहारे ऊपर तक चढ़ सकी हूं।- पूनम
- फुट ओवरब्रिज पैदल सड़क पार करने वालों के लिए बनाया गया है। लेकिन कुछ में स्वचालित सीढियां हैं तो कुछ में लिफ्ट बंद रहती हैं। ऐसे में इसकी उपयोगिता साबित नहीं हो पाती है। इस पर ध्यान देना चाहिए।अनुपम कुमार, राहगीर