उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए नौ जिलों के 59 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान शुरू हो गया है। पोलिंग पार्टियों ने मतदान प्रक्रिया को प्रारंभ करने के लिए पहले माक पोलिंग से ईवीएम को परखा। चौथे चरण में चार मंत्रियों सहित 624 प्रत्याशी मैदान में हैं। 2017 में नौ जिलों की 59 सीटों में से 51 भाजपा गठबंधन के पास थीं। चार पर समाजवादी पार्टी तथा दो-दो पर बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी।
नौ बजे तक 9.10 प्रतिशत मतदान, पीलीभीत में पड़े सर्वाधिक वोट, रायबरेली में मतदाता सुस्त : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान में सुबह से ही लोगों के केन्द्रों पर पहुंचने के बीच दो घंटे में 9.10 प्रतिशत मतदान हो गया है। नौ जिलों की 59 विधानसभा सीट पर हो रहे मतदान के दौरान पीलीभीत के मतदाता सात से नौ बजे के बीच काफी चुस्त रहे। सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में इस दौरान सबसे कम वोट पड़े हैं। पीलभीत में 10.64 प्रतिशत, लखीमपुर खीरी में 10.43, सीतापुर में 9.59, हरदोई में 8.14, उन्नाव में 9.26, लखनऊ में 8.06, रायबरेली में 8.03, बांदा में 8.81 तथा फतेहपुर में 9.69 प्रतिशत मतदान हो गया था।
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने लखनऊ में सपरिवार किया मतदान : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में चौथे चरण का मतदान जारी है। लखनऊ में लोग सुबह से ही घरों से निकलकर मतदान केन्द्र पहुंच रहे हैं। लखनऊ में बसपा अध्यक्ष मायावती के बाद अन्य नेताओं ने भी अपने घर के निकट के केन्द्र पर जाकर मतदान किया। योगी आदित्यनाथ सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने अपनी पत्नी तथा पुत्र के साथ गोमती नगर के विवेक खंड में सेंट जान बास्को स्कूल के मतदान केन्द्र में जाकर वोट डाला। मोहसिन ने कहा कि आज लोकतंत्र के महापर्व में उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ जनता भाजपा के पक्ष में वोट कर रही है क्योंकि आज उत्तर प्रदेश सुरक्षित हाथों में है। केन्द्र सरकार में मंत्री कौशल किशोर ने मलिहाबाद से भाजपा प्रत्याशी विधायक जया देशी कौशल के साथ मतदान किया। नगर की महापौर संयुक्ता भाटिया ने अपने परिवार के साथ आलमबाग के सिंगार नगर के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में मतदान किया।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने लखनऊ में डाला अपना वोट : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बुधवार को प्रात: सात बजे लखनऊ में मतदान किया। माल एवेन्यु में बसपा मुखिया ने अपने आवास के पास ही लखनऊ मांटेसरी स्कूल में जाकर अपना वोट डाला। लखनऊ मांटेसरी स्कूल में सुबह से ही लाइन लगी थी, इसी बीच में मायावती ने भी लाइन में लगकर अपने अधिकार का प्रयोग किया। लखनऊ मोंटेसरी स्कूल में बने मतदान केन्द्र में चौथे चरण के लिए चार बूथों पर मतदान हो रहा है।
चौथे चरण में पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, बांदा व फतेहपुर में मतदाता सुबह से ही मतदान करने से लिए लाइन में लगे हैं। चौथे चरण में 2.13 करोड़ मतदाता 624 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें 91 महिला प्रत्याशी हैं। इस चरण में 16 सीटें सुरक्षित हैं। चुनाव आयोग ने निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। 2017 में इन सीटों पर 62.55 प्रतिशत मतदान हुआ था।
2017 में 59 में से 50 सीटें थीं भाजपा के पास : वर्ष 2017 के चुनाव में इन 59 सीटों में से 50 सीटें भाजपा के पास थीं। सपा के पास चार, कांग्रेस व बसपा के पास दो-दो सीटें ही थीं। एक सीट अपना दल के खाते में आई थी। वहीं, 2012 के विधान सभा चुनाव में सपा के खाते में 39 सीटें थीं। बसपा के पास 12, भाजपा के पास चार, कांग्रेस के पास तीन व पीस पार्टी के पास एक सीट थी।
चौथा चरण : एक नजर में
-कुल मतदाता : 2.13 करोड़
पुरुष मतदाता : 1.14 करोड़
महिला मतदाता : 99.30 लाख
थर्ड जेंडर मतदाता : 966
कुल प्रत्याशी : 624
महिला प्रत्याशी : 91
कुल इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) : 24,643
माइक्रो आब्जर्वर : 3110
सामान्य प्रेक्षक : 57
व्यय प्रेक्षक : 18
पुलिस प्रेक्षक : 09
मतदान में लगे कार्मिक-1,15,725
मतदान कार्य में लगे हल्के वाहन : 5,595
मतदान कार्य में लगे भारी वाहन : 5,773
आदर्श मतदान केंद्र-874
पिंक बूथ-142।
भाजपा और सपा की ताकत व कमजोरी
भारतीय जनता पार्टी की ताकत : पिछले चुनाव में भाजपा 59 में से 50 सीटें जीती थी। कार्यकर्ताओं में उत्साह है।
– इनमें अवध और बुंदेलखंड क्षेत्र की भी सीटें हैं, जहां स्थिति मजबूत मानी जाती है।
– राम मंदिर निर्माण शुरू होने से भी भाजपा को अवध में और मजबूती की उम्मीद है।
भाजपा की कमजोरी: इन सीटों में लखीमपुर खीरी और आसपास की सीटें भी आती हैं, जहां किसानों को रौंदने की घटना में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी का पुत्र आरोपित है।
– पीलीभीत, पलिया, निघासन आदि क्षेत्रों के कुछ किसान कृषि कानून विरोधी आंदोलन में सक्रिय रहे थे। वह नुकसान पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
– कुछ सीटों पर स्थानीय विधायकों से नाराजगी थी और भाजपा ने बहुत कम ही टिकट काटे हैं।
समाजवादी पार्टी की ताकत: बेसहारा पशु वाला मुद्दा सपा लगातार उठा रही है। ग्रामीण क्षेत्र में इससे लाभ की उम्मीद।
– 300 यूनिट बिजली फ्री का मुद्दा इस अंचल की ग्रामीण आबादी को लुभा सकता है।
– लखीमपुर खीरी, पीलीभीत आदि क्षेत्रों में सपा किसानों के मुद्दे को भाजपा के खिलाफ भुना सकती है।
सपा की कमजोरी : परंपरागत यादव और मुस्लिम मतदाता तुलनात्मक रूप से कम है।
– भाजपा के कई कद्दावर नेताओं का क्षेत्र है अवध, जहां उनका स्थानीय प्रभाव सपा के लिए चुनौती होगा।
– गरीब वर्ग का बड़ा लाभार्थी वोटबैंक भाजपा के पास है, जबकि सपा की निर्भरता वादों पर है।