बड़ौदा के क्रिकेटर विष्णु सोलंकी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं हो रही है। अभी हाल ही में अपनी बेटी को खो चुके सोलंकी जब चंडीगढ़ के खिलाफ मैच खत्म कर वापस लौटे तो ड्रेसिंग रूम में एक और मनहूस खबर उनका इंतजार कर रही थी। दरअसल रविवार सुबह विष्णु के पिता का निधन हो गया।
उनके पिता दो महीनों से बीमार थे और मेडिकल इमरजेंसी से जूझ रहे थे। बडौ़दा के कप्तान ने कहा कि विष्णु अगर चाहते भी तो समय पर नहीं पहुंच सकते थे लेकिन जिस तरह से उसने इस स्थिति से डील किया वो काबिलेतारीफ है।
बडौ़दा के कप्तान केदार देवधर ने कहा कि ड्रेसिंग रूम के एक कार्नर में खड़े होकर विष्णु ने अपने पिता का अंतिम संस्कार में वीडियो काल के द्वारा भाग लिया। ये उनके लिए बेहद कठिन समय है लेकिन इस विपरित परिस्थिति में विष्णु ने जो साहस दिखाया वो अविश्वसनीय है।
10 दिन पहले विष्णु ने अपनी नवजात बेटी को खो दिया था। उसके बाद उन्होंने अपनी टीम की तरफ से चंडीगढ़ के खिलाफ शानदार शतक लगाया था। कप्तान ने कहा कि जब वे अपने बेटी का अंतिम संस्कार कर टीम से जुड़े थे पूरी टीम ने एक नोट लिख कर उनके इस जज्बे का सलाम किया था।
हालांकि इस घटना को जिस तरह से विष्णु सोलंकी ने डील किया है उन्होंने बता दिया कि वो क्रिकेट के प्रति कितने समर्पित हैं। उनके इस शतकीय पारी के दम पर चंडीगढ़ की टीम ने चंडीगढ़ के 168 रन के जवाब में 517 रन बनाए थे। आपको बता दें कि बडौदा और चंडीगढ़ के खिलाफ ये मैच ड्रा पर खत्म हुआ।
इस मैच में सोलंकी ने 165 गेंदों पर 104 रन की पारी खेली थी जिसमें 12 चौके शामिल थे। सोलंकी के इस बल्लेबाजी की चर्चा हर तरफ इसलिए भी हो रही थी क्योंकि किसी भी खिलाड़ी के लिए यह आसान नहीं है कि घर में इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी वो इस तरह खेल पाए।
उनकी इस पारी की चर्चा सोशल मीडिया पर खूब हो रही थी। सौराष्ट्र के विकेटकीपर बल्लेबाज शेलडन जैक्शन ने ट्विट कर लिखा था कि उनकी नजर में विष्णु सबसे मजबूत खिलाड़ी हैं। 35 साल के जैक्शन ने लिखा है कि विष्णु सोलंकी और उनके परिवार को मेरा सलाम, किसी भी खिलाड़ी के लिए ये आसान नहीं है। विष्णु को शतकीय पारी के लिए शुभकामनाएं और उम्मीद है कि वो ऐसे ही खेलते रहें।
गौरतलब है कि किसी खिलाड़ी के जीवन से जुड़ी इस तरह की घटनाए आए दिन ये संदेश देती हैं कि उनके जीवन में उस खेल को लेकर कितना समर्पण है जो वो खेलते हैं।