हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र आज से आरंभ हो रहा है।इस बजट सत्र पर इस बार कोरोना का साया नहीं होगा। दो साल बाद विधानसभा सचिवालय ने तमाम सुरक्षा तैयारियों का जायजा लेने के बाद स्पीकर गैलरी, विजिटर गैलरी और मीडिया गैलरी को खोल दिया है। सुरक्षा की दृष्टि से विधानसभा परिसर में किसी भी अप्रियत घटना की पूरी जिम्मेदारी चंडीगढ़ यूटी प्रशासन की होगी। विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने यूटी प्रशासन को विधानसभा सत्र की पूरी अवधि के लिए फुल टाइमर ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात करने के आदेश दिए हैं।
तीन कृषि कानूनों के विरोध में चले किसान संगठनों के आंदोलन के दौरान पिछली बार पंजाब के अकाली विधायकों ने विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सुरक्षा में सेंध लगा दी थी। इसके बाद से विधानसभा स्पीकर काफी ऐहतियात बरत रहे हैं। इस बार उन्होंने हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ यूटी प्रशासन के उच्चाधिकारियों की बैठक में साफतौर पर कह दिया कि सुरक्षा में किसी तरह की कोताही स्वीकार नहीं की जाएगी। विधानसभा परिसर में भारी संख्या में चंडीगढ़ पुलिस तैनात रहेगी।
हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र दो मार्च दोपहर दो बजे से आरंभ होकर 22 मार्च तक चलेगा, जिसमें कुल 10 सीटिंग होगी। मुख्यमंत्री मनोहरलाल वित्तमंत्री के नाते 8 मार्च को सुबह 11 बजे बजट पेश करेंगे। इस दिन प्रश्नोत्तर काल नहीं होगा। सीएम के बजट पेश करने के बाद लोकसभा की तर्ज पर विधानसभा में चार दिन का अवकाश रहेगा। अवकाश की इस अवधि में नौ-नौ विधायकों की आठ कमेटियां बजट प्रस्तावों पर मंथन कर अपनी रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री को देंगी, जिनके आधार पर मुख्यमंत्री प्रस्तावित बजट अनुमानों में संशोधन कर सकते हैं।
विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के अनुसार विधानसभा सचिवालय के पास अब तक 497 तारांकित और 241 अतारांकित सवाल आए हैं। विधायकों ने 40 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, एक प्राइवेट मेंबर बिल और दो काम रोको प्रस्ताव दिए हैं। प्राइवेट मेंबर बिल पर तीन मार्च बृहस्पतिवार को एक से डेढ़ घंटे के लिए चर्चा होगी। अभी तक प्रदेश सरकार की ओर से दो बिल विधानसभा के पास आए हैं। इनमें धर्मांतरण विरोधी बिल अहम है। सदन में पेश होने से पांच दिन पहले कोई भी बिल विधानसभा सचिवालय के पास पहुंच जाना चाहिए। इसलिए अभी करीब एक दर्जन बिल और संशोधित बिल आने का अनुमान है।
विधानसभा सत्र के दौरान इस बार शून्यकाल कुछ खास होगा। विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के अनुसार हम शून्यकाल का उपयोग बेहतरीन तरीके से करने को लेकर गंभीर हैं। शून्यकाल में विधायकों द्वारा जो अहम मसले उठाए जाएंगे, उनका जवाब सरकार को 30 दिन के भीतर संबंधित विधायकों के पास भिजवाना होगा। लोकसभा के अंदर भी यही व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त हम यह चाहते हैं कि शून्यकाल बेकार की बातों और शोर-शराबे की भेंट न चढ़े। इसके लिए हर रोज सुबह विधायक एक बाक्स में अपने नाम की पर्ची इश्यू के साथ लिखकर डाल देंगे।
उन्होंने कहा कि फिर उस बाक्स में लाटरी सिस्टम के जरिए दस पर्ची निकाली जाएंगी। इन पर्चियों में जिस विधायक का नाम होगा, शून्यकाल में सिर्फ वही अपनी बात रखेगा। इससे शून्यकाल में अहम विषयों पर ही चर्चा हो सकती है।