रोजमर्राह की जीवनयापन के लिए जरुरी आवश्यकतओं को जुटाने की जुगत में स्वस्थ जीवनशैली से खिलवाड़ के चलते लोग गंभीर बीमारियाें की चपेट में आ रहे हैं। समय की कमी के कारण जल्दबाजी में फास्टफूड से पेट भरना और व्यायाम आदि न करने के साथ ही कार्य के घंटों के दौरान देर तक सीट से चिपके रहने की आदत से वजन का अप्रत्याशित रूप से बढ़ने की बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं। वजन को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सक अब दवा से ज्यादा खाानपान की आदतों में बदलाव लाने के साथ ही जीने के तौर तरीकों में बदलाव पर जोर देने लगे हैं।
शहर के नागरिक अस्पताल में होम्योपैथी चिकित्सा विशेषज्ञ डा. राजेश ने वर्ल्ड आबेसिटी डे पर चर्चा करते हुए लोगों ने अनावश्यक रुप से लोगों में बढ़ रहे वजन पर चिंता व्यक्त की। कहा कि हालांकि निरंतर रुप से वजन का बढ़ना और समय से ध्यान न देने के चलते बीमारी का रूप ले लेना किसी के लिए भी कष्टकारी स्थिति है। लेकिन अगर समय रहते वजन बढ़ने के कारणो और इसे रोकने के लिए किए जाने वाले उपायाें पर ध्यान दिया जाए तो इससे बचा जा सकता है। हाइट, जेंडर, उम्र, फास्टफूड का अधिकतर प्रयोग के साथ ही व्यायाम न करने की आदत से वजन बढ़ने के मामले सामने आते हैं। बताया कि बढ़ता वजन कहीं बीमारी का रुप में न बदल जाए इसके लिए स्वस्थ जीवन शैली जिसमें सुबह शाम की सैर और खान पान में हरी सब्जियों का प्रयोग और अधिक वसायुक्त भोजन से जिनमें विशेष रूप से फास्टफूड के निम्नतम या न प्रयोग करने का परामर्श दिया जाता।
ये है वजन की स्क्रीनिंग आसान तरीका
बाडी मास इंडेक्स(बीएमआई) के अनुसार वजन कद के अनुसार किस हद तक बढ़कर मोटापे की श्रेणी में पहुंच रहा है इसका पता आसानी से लगाया जा सकता है। वास्तव में यह मीटर में ऊंचाई के वर्ग से विभाजित किलोग्राम में एक व्यक्ति का वजन होता है जो एक सस्ता और आसान स्क्रीनिंग तरीका है जिसके अनुसार कम वजन, स्वस्थ वजन, अधिक वजन और मोटापा की श्रेणियां निर्धारित की जाती है। उदाहरण के 165 सेंटीमीटर कद वाले व्यक्ति का वजन अगर 65 किलोग्राम तो उसका बीएमआई 23.9 होगा, जो कि एक सामान्य वजन कहलाएगा। वजन की रेंज 50.4 किलोग्राम से 68.9 किलोग्राम होगा।
किसी व्यक्ति का बढ़ता वजन मोटापे और इससे होने वाली अन्य बीमारियों में बदलने से पहले ही इस पर ध्यान दिया जाना जरुरी है। हालांकि मोटापे से होने वाली बीमारियों का निदान तो हैं लेकिन स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर वजन को नियंत्रित करने की सलाह दिए जाने को चिकित्सक प्राथमिकता देते हैं।