Covid-19 & Dementia: क्या कोविड-19 की वजह से डिमेंशिया हो सकता है?

Covid-19 & Dementia: कोविड महामारी का तीसरा साल चल रहा है और दुनिया भर में हाल ही में ओमिक्रॉन वैरिएंट के साथ कोरोना वायरस की तीसरी लहर देखी। अभी तक ओमिक्रॉन से जुड़े कई लक्षण देखे गए हैं। जिनमें से ज़्यादातर लक्षण आते हैं और कुछ ही दिनों या हफ्तों में ठीक भी हो जाते हैं। लेकिन कई ऐसे भी लक्षण होते है जो रिकवरी के बाद भी परेशान करते रहते हैं।

लॉन्ग कोविड को उस स्थिति के रूप में जाना जाता है, जिसमें लोग लक्षणों की शुरुआत के बाद कई हफ्तों या महीनों तक ठीक नहीं होते हैं। कोविड-19 सिर्फ शरीर को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि इससे दिमाग़ पर भी असर होता है। कोविड -19 के मनोवैज्ञानिक परिणामों में ब्रेन फॉग, चिंता, मूड बदलना, ध्यान केंद्रित करने या चीजों को याद रखने में मुश्किल और नींद न आना शामिल है, लेकिन क्या इससे डिमेंशिया का ख़तरा भी पैदा करता है?

तंत्रिका तंत्र

रक्त-मस्तिष्क अवरोध की उपस्थिति के कारण भले ही वायरस दिमाग़ से प्रवेश नहीं कर पाता है, इसलिए यह नाक, मुंह या आंखों के ज़रिए शरीर में प्रवेश करता है और गले तक जाता है, जहां से यह फेफड़ों या अन्य अंगों में प्रवेश कर सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में, रक्त मस्तिष्क अवरोध वायरस से बाधित हो सकती है और यह आसपास के न्यूरॉन्स में प्रवेश कर सकती है और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में प्रवेश कर सकती है।

इंफ्लामेटरी परिणाम

अध्ययनों से पता चला है कि बढ़ी हुई सूजन तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है और रोगियों को प्रलाप, चेतना के स्तर में कमी, स्ट्रोक और अन्य जटिलताओं का अनुभव होता है। अध्ययनों से पता चला है कि सूजन जितनी अधिक होगी, कोविड-19 के लक्षण उतने ही गंभीर होंगे।

डिमेंशिया

अब तक किए गए अध्ययनों से पता चला है कि डिमेंशिया और कोविड-19 जैसे वायरल संक्रमणों के बीच एक संबंध है। जो लोग डिमेंशिया से पीड़ित होते हैं उनमें कोविड का ख़तरा बढ़ जाता है और जो लोग कोविड से पीड़ित होते हैं उनमें भी डिमेंशिया का जोखिम बढ़ जाता है। कोविड-19 से पीड़ित लोगों के लिए थ्रॉम्बोसिस भी एक प्रबल ख़तरा है। थ्रॉम्बोसिस स्ट्रोक्स का सबसे बड़ा कारण है और जो लोग कोविड से जूझ रहे हैं उनमें मौत का कारण भी बन सकता है। हालांकि, यह साफ नहीं है कि कोविड-19 डिमेंशिया का कारण बन सकता है या फिर पहले से मौजूद डिमेंशिया को गंभीर कर सकता है।

इसके लिए क्या कर सकते हैं?

हालांकि, इस बारे में कुछ साफ नहीं है कि कोविड-19 से डिमेंशिया हो सकता है या यह स्थिति और खराब हो सकती है, लेकिन यह बात साफ है न्यूरोलॉजिकल डिसटर्बेन्स और कोविड-19 में संबंध ज़रूर है। फिज़िकली एक्टिव और वर्कआउट करके कोई भी व्यक्ति कोविड-19 के मनोवैज्ञानिक प्रभावों का मुकाबला कर सकता है। साथ ही 7 से 8 घंटे की नींद ज़रूर लें और संतुलित खाना खाएं।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।