उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव कई रिकार्ड तथा मिथक तोड़ने की ओर है। इसके परिणाम भले ही दस मार्च को आएंगे, लेकिन सोमवार को एक्जिट पोल ने काफी कुछ बयां कर दिया है। उत्तर प्रदेश में अंतिम चरण का मतदान खत्म होते ही आए एक्जिट पोल से आभास होने लगा है कि उत्तर प्रदेश की जनता करीब तीन दशक पुरानी राजनीतिक परंपरा को तोड़ते हुए लगातार दूसरी बार भाजपा को सत्ता सौंपने को तैयार है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में लगातार तीसरी बार विपक्षी खेमे में नया प्रयोग हुआ। यहां पर कोविड से लेकर किसान आंदोलन तक उत्तर प्रदेश को राजनीतिक अखाड़ा भी बनाया गया। सात चरणों के बाद जारी हुए एक्जिट पोल की मानें तो विपक्षी दांव नहीं चल पाया। इसमें सभी सर्वे एजेंसियां भाजपा को बहुमत दे रही हैं। औसतन भाजपा को 403 में से 250 के आसपास सीटें दी गईं। इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया ने भाजपा के 300 पार के दावे को सही होता दिखाया है। फिलहाल हर तरह से यह जीत बहुत बड़ी होगी, क्योंकि उत्तर प्रदेश में अरसे से कोई सरकार दोबारा नहीं जीती है।
उत्तर प्रदेश के चुनाव के नतीजों को लोकसभा के लिए अहम माना जाता है। सीटें कम हुईं तो भाजपा को विचार करना पड़ सकता है कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में मिले समर्थन के बाद अब समर्थन कम क्यों हुआ या समर्थकों का उत्साह क्यों कम हुआ। 2017 में भाजपा को साथी दलों समेत सवा तीन सौ सीटें मिली थीं।
अगर एक्जिट पोल सही रहे तो उत्तर प्रदेश में भले ही समाजवादी पार्टी की कुछ सीटें बढ़ी हैं, लेकिन 403 सीट पर लड़ी देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस तथा बहुजन समाज पार्टी को बड़ी निराशा हाथ लग सकती है।
उत्तर प्रदेश में फिर भाजपा की सरकार : उत्तर प्रदेश में सोमवार को सातवें और आखिरी चरण के लिए मतदान संपन्न होते ही आए एक्जिट पोल कुछ ऐसी ही तस्वीर दिखा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में अभी जिन एजेंसियों के एग्जिट पोल आए हैं उनकी मानें तो भाजपा की सरकार फिर से बनती दिख रही है। सभी एग्जिट पोल के आंकड़ों का औसत निकालने पर उत्तर प्रदेश में फिर से योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनते दिख रहे हैं।
विभिन्न सर्वे एजेंसी के अनुमान – ईटीजी रिसर्च : भाजपा+ 230-245, सपा+ 150-165, कांग्रेस 2-6, बसपा 5-10
सट्टा बाजार में सपा पर दांव लगाने वालों को मिल रहा अधिक भाव: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का मतदान खत्म होने के बाद अब चुनावी नतीजों को लेकर सट्टा बाजार सातवें आसमान पर है। सटोरियों की पहली पसंद भाजपा है और दूसरे नंबर पर आंकी जा रही सपा पर दांव लगाने वालों को जीत का अधिक भाव मिल रहा है। यानी कम रकम लगाकर अधिक मुनाफा कमाने का भाव। सटोरियों ने अपने अनुमान से अलग-अलग दलों को मिलने वाली सीटों की गुणागणित की है, जिस पर धड़ल्ले से लाखों-करोड़ों रुपये के दांव लग रहे हैं। सट्टा बाजार में भाजपा का भाव भी कम नहीं है।
भाजपा की जीत की मजबूत दावेदारी के चलते दांव लगाने वाले को उतना लाभ नहीं मिलेगा। सातवें चरण के मतदान के बाद सटोरियों ने भाजपा को 226 से 229 सीटें दी हैं और इसके अनुरूप भाजपा पर दांव लगाने वालों को 10 हजार रुपये के बदले 13 हजार रुपये मिलेंगे। वहीं सपा को 133 से 136 सीटें दी गईं और इसके अनुरूप सपा पर दांव लगाने वालों को 3200 रुपये के बदले 10 हजार रुपये की वापसी होगी। सट्टा बाजार सातवें चरण के बाद बसपा को नौ से 10 सीट व कांग्रेस को शून्य से तीन सीट दे रहा है। इन पर दांव लगाने वालों की संख्या सीमित बताई जा रही है। सटोरियों ने पांचवें चरण के चुनाव के बाद भाजपा को 193 से 197 सीटें दी थीं और सपा को 81 से 85 सीटें देकर दांव लगवाये थे। अब एक्जिट पोल के परिणाम आने के बाद सट्टा बाजार में भी तेजी आ गई है। अलग-अलग सटोरियों ने अपने आंकलन के अनुरूप प्रमुख दलों की सीटों का ग्राफ तय किया है। इनमें भाजपा सबसे आगे है और सपा दूसरे नंबर पर बताई जा रही है। माना जा रहा है कि सोमवार आधी रात के बाद दांव लगवाने में तेजी आयेगी। साथ ही एक दल के सरकार बनाने को लेकर भी दांव लगेंगे। वहीं कौन दल सरकार बनायेगा, इसे लेकर एक मुश्त रकम के सीधे दांव भी लगवाये जायेंगे, जिनके भाव अलग-अलग होंगे