Haryana Budget 2022 Live : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल वित्तमंत्री के तौर पर राज्य विधानसभा पेश करना शुरू किया। उन्होंने बजट पेश करने से पहले इसे अंतिम रूप दिया। इसके बाद बजट की कॉपी पर हस्ताक्षर किए वह प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार का तीसरा आम बजट पेश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कोरोना काल की चर्चा करते हुए कहा कि हमने कोरोना की तीनों लहर के दौरान अच्छा काम किया और इससे उबरें हैं। हमने पिछले बजट के बाद कई कार्य किए और कई उपाय किए। उन्होंंने महिला दिवस के मद्देनजर कई घोषणाएं की। उन्होंने राज्यस्तरीय सुषमा स्वराज पुरस्कार की घोषणा की। इसके तहत प्रशस्ति पत्र और पांच लाख रुपये दिए जाएंंगे। उन्होंने महिला उद्यमियों के लिए भी पुरस्कार की घोषणा की।
उन्होंने महिलाओं के उत्थान के कार्यों के लिए सुषमा स्वराज पुरस्कार की घोषणा की। इसके साथ ही हरियाणा मातृशक्ति उद्यमिता योजना शुरू होगी। ऐसी महिलाएं जिनकी आय पांच लाख रुपये से कम हैं, लेकिन वह उद्यमिताके क्षेत्र में काम करना चाहती हैं, उन्हें सात प्रतिशत की दर से तीन लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक बुनियादी ढांचा और सुविधाएं प्रदान करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये की राशि का प्रविधान किया गया है। राजकोषीय अपव्यय से बचने के लिए तीन समर्पित कोष स्थापित होंगे। स्टार्ट-अप की सहायता के लिए ‘उद्यम पूंजी कोष’, हरित विकास उद्देश्यों के लिए ‘जलवायु एवं सतत विकास कोष’, वैज्ञानिक गतिविधि और छात्रवृत्ति को बढ़ावा देने के लिए’अनुसंधान एवं नवाचार कोष’ स्थापित होंगे।
उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थाओं को पोर्टफोलियो प्रबंधन और कम लागत वाली कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं के लिए एक गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी के रूप में हरियाणा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड’ की स्थापना की जाएगी। यह बजट आर्थिक विकास और मानव विकास को बढ़ाने, ईज ऑफ लीविंग, गरीबों व वंचित समूहों के उत्थान और नई प्रौद्योगिकी को अपनाकर उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही रोजगार व उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिए ‘वज्र मॉडल’ प्रस्तुत करता है।
उन्होंने कहा कि इसमें पांच विकासात्मक शक्तियों की परिकल्पना की गई। बजट की 5 शक्तियां हैं-
• अंत्योदय-गरीब से गरीब व्यक्ति का उत्थान
• समर्थ हरियाणा-सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर
संरचनात्मक और संस्थागत सुधार
• सतत विकास-सस्टेनेबल डेवेलपमेंट
. संतुलित पर्यावरण-पर्यावरणीय स्थिरता,
• सहभागिता-सार्वजनिक व निजी भागीदारी (जीसीपी)।
मनोहरलाल ने कहा कि एक लाख रुपये से कम आय वाले 1.5 लाख लोगों की आय बढ़ाने के लिए हमने काम किया। अंत्योदय उत्थान मेलों के आयोजन का दूसरा चरण शुरू हो चुका है, हर गरीब व्यक्ति की आय बढ़ने तक यह मेले लगते रहेंगे। अंत्योदय मेलों में उत्थान ऋण दिया गया। इससे लाभार्थियों को स्थायी रोजगार प्रदान होने तक योजना जारी रहेगी। आखिरी लाभार्थी की आय में वृदि्ध होने तक जारी रहेगी। सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में हरियाणा गतिशील राज्य है। हम निजी क्षेत्र के साथ भी भागीदारी करेंगे। परिवार पहचान पत्र के बाद अंत्योदय परिवारों को राशन लेने या किसी भी सेवा के लिए कार्यालयों में नहीं जाना पड़ेगा। सरकार खुद उन तक पहुंचेगी।
मनोहरलाल ने कहा कि यह बजट आने वाले 25 सालों में विकास की दिशा निश्चित करेगा। यह बजट हरियाणा के विकास के वज्र माडल को पेश करता है। पांच विकासात्मक शक्तियों की परिकल्पना है। समर्थ हरियाणा, संस्थागत सुधार हमारा लक्ष्य है। बजट अनुमान 2020-21 के दौरान जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में राजस्व घाटा 2.10 प्रतिशत अनुमानित रहा जबकि संशोधित अनुमान 2021-22 में ये 1.40 प्रतिशत अनुमानित है।
उन्होंने कहा कि बजट अनुमान 2022-23 में ये जीएसडीपी के 0.98 प्रतिशत तक और कम होने का अनुमान है। संशोधित अनुमान 2021-22 में ऋण और जीएसडीपी का अनुपात 24.98 फीसदी, जबकि 15 वित्त आयोग द्वारा निर्धारित सीमा का 32.61 फ़ीसदी बजट अनुमान 2022-23 के लिए यह जीएसडीपी का 24.51 फीसदी, जबकि 15 वें वित्त आयोग ने इसकी सीमा जीएसडीपी के 33.33 फीसदी तय की। पूंजीगत व्यय का आर्थिक विकास पर सीधा प्रभाव होता है। हम कुल व्यय में पूंजीगत व्यय के अनुपात को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम वर्ष 2020-21 में 37,093.83 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की तुलना में, संशोधित अनुमान 2021-22 में इसे बढ़ाकर 48,265.49 करोड़ रुपये करने में सक्षम हैं।
उन्हाेंने कहा कि हमने पोस्ट कोविड अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए उपाय किए। देश की अर्थव्यवस्था में हरियाणा का योगदान 3.4 प्रतिशत है और इसे 4 फीसदी करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़ा योगदान करेंगे। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए तीन प्रमुख उद्देश्य- अंत्योदय की भावना से सबसे गरीब व्यक्ति का कल्याण, प्रभावी आय पुनःवितरण नीतियों के साथ उत्पादकता में वृद्धि और रोजगार व उद्यमिता सृजन रखे हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 के लिए 1,77,255.99 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव, जो 2021-22 के 1,53,384.40 करोड़ रुपये से 15.6 प्रतिशत अधिक है। जीएसडीपी 2014 के 370535 करोड़ के मुकाबले 2021-22 में 588771 करोड़ हुआ, जो 15.6 फीसदी अधिक है। इस बजट में परिव्यय 61,057.35 करोड़ है। हरित विकास उद्देश्य को प्राप्त करने हेतु जलवायु कोष बनाया गया है। विश्वश्वविद्यालयों व सार्वजनिक व निजी क्षेत्र में अनुसंंधान कोष होगा। उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए उद्यम पूंजीकोष बनेंगे। उन्हाेंने कहा कि 132 योजनाओं को युक्तिसंगत बनाया गया है। हमने विकासात्मक आवंटनों को बढ़ाया है। इन सुधारों को निरंतरा मिलेगी
उन्हाेंने राज्य में शुरू की गई परियोजनाओं का चर्चा की। उन्होंने कहा कि बजट तैयार करने से पहले हमने सांसदों, विधायकाें और विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों व प्रमुख लोगों से चर्चा की। हमने बजट बनाने में हर वर्ग के सुझाव लिए। साल 2022 -23 के लिए मुख्यमंत्री ने 177255 .99 करोड रुपए का बजट पेश किया। जो कि संशोधित अनुमान एक लाख 53 हजार करोड़ के15.6 प्रतिशत बढ़ोतरी है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने पूंजीगत खर्च बढ़ाया और राजस्व खर्च कम किया। इस बार पूंजीगत खर्च 34.4 प्रतिशत होगा, जो कि पिछले सालों में मात्र 25 प्रतिशत होता था। बाजार की उधारी कम रही है। हमने मजबूत वित्तीय प्रबंधन किया है। राजस्व घाटा इस बार 1.4 प्रतिशत है, जो कि .98 प्रतिशत तक कम होने का अनुमान है
वित्त मंत्री के रूप में मनोहर लाल का यह तीसरा बजट है। उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंंत्री बजट में राज्य की जनता के लिए कई राहतों व तोहफों की घोषणा करेंगे। आज बजट पेश करने के अलावा विधानसभा में कोई दूसरा कार्य नहीं होगा। बजट पेश होने के बाद 13 मार्च तक विधानसभा का बजट सत्र स्थगित कर दिया जाएगा।
बजट पेश करते ही लोकसभा की तर्ज पर विधायक करेंगे मंथन
मुख्यमंत्री ने साल 2021-22 के लिए एक लाख 55 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, जिसमें राजस्व खर्चे 75 प्रतिशत और पूंजीगत खर्चे 25 प्रतिशत शामिल थे। इस बार बजट की राशि में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। बजट की कुल राशि एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है, जिसमें सरकार पूंजीगत खर्च बढ़ाने पर फोकस करने वाली है।
एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश होने की संभावना
मुख्यमंत्री ने बजट तैयार करने से पहले सभी सांसदों, विधायकों और मंत्रियों के साथ-साथ हर वर्ग के प्रतिनिधि लोगों की राय ली। करीब दो माह की लंबी कसरत के बाद यह बजट तैयार हुआ है। मनोहर लाल ने दावा किया कि लोगों व जनप्रतिनिधियों से मिले अधिक से अधिक सुझावों को बजट में शामिल करने का प्रयास किया गया है। बजट पेश होने के बाद लोकसभा की तर्ज पर विधानसभा में 13 मार्च तक अवकाश (रिसेस) हो जाएगा।
इस बार के बजट की खास बात यह होगी कि जिस तरह से लोकसभा में बजट पेश होने के बाद उस पर सांसदों की स्टैंडिंग कमेटी चर्चा करती है, उसी तरह से प्रदेश के बजट पर विधायकों की स्टैंडिंग कमेटी चर्चा करेगी। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता विधायकों की आठ से नौ कमेटियां बनाएंगे, जो हर सेक्टर में बजट के प्रारूप, योजनाओं और उसकी राशि पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री को अपनी सुझाव देंगी। यदि मुख्यमंत्री जरूरी समझेंगे तो उन सुझाव व प्रस्तावों को बजट में शामिल किया जाएगा।
बजट की कुल राशि में तो बदलाव नहीं हो सकता, लेकिन यदि विधायकों की कमेटी किसी मद में बजट बढ़ाने या कम करने का सुझाव देगी तो उसे अवश्य माना जाएगा। किसी नई योजना को भी बजट में तत्काल शामिल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संकेत दिया है कि इस बार का बजट अंत्योदय की भावना पर आधारित होगा, जिसमें सर्व जन हिताय और सर्व जन सुखाय की मंशा पर काम किया गया है।