हरियाणा बजट में उद्योग को तोहफा, पानीपत टेक्सटाइल उद्योग की इन समस्‍याओं का हुआ समाधान

राज्य सरकार के विकासोन्मुखी बजट से पानीपत टेक्सटाइल उद्योग सरपट दौड़ेगा। उद्योगों के समक्ष जो समस्याएं पिछले कई वर्षों से आ रही उनको हल करने वाला बजट पेश किया गया है। अब यहां के उद्योगों क ब्वायलर लगाने पर सब्सिडी मिलेगी। फायर की एनओसी एक साल के स्थान पर तीन साल में रिन्यू होगी। पूंजीगत खर्च पर सब्सिडी मिलने के साथ ही टेक्सटाइल निर्यात उद्योगों को पोर्ट बंदरगाह तक माल भेजने पर फ्रेट सब्सिडी मिलेगी।

पानीपत उद्योग जगत का कहना है कि हम उद्योग की ग्रोथ के लिए खुद सक्षम है। हमें परेशानी अड़ेंगे डालने पर हो रही है। कभी प्रदूषण के नाम पर उद्योगों को बंद किया जाता है। कोयला आधारित उद्योगों को पीएनजी गैस पर लेने की तलवार लटकी हुई है। फायर की एनओसी एक साल में रिन्यू होती है। कागजी व दफ्तरी कार्रवाई से परेशानी झेल रहे उद्योगों को अब बजट में बड़ी राहत मिली है।

एमएसएमई क्षेत्र के उद्योगों की सहायता प्रदान करने के लिए बायलरों को कोयले या डीजल से बायोमास अथवा पीएनजी गैस पर बदलने के लिए पूंजीगत खर्च के 30 प्रतिशत की सीमा को अधिकतर 15 लाख रुपये तक ले जाया जा रहा है। एचएसआइआइडीसी पानीपत में कपड़ा उद्योगों के लिए सांझा बुनियादी ढांचे के रूप में इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाएगी। औद्योगिक निर्यात के लिए माल ढुलाई सब्सिडी मिलेगी। छह हजार किलोमीटर तक सड़कों का सुधारीकरण होगा। अर्थात पानीपत के औद्योगिक क्षेत्र को सड़कों का सुधारीकरण भी हो सकेगा।

पानीपत इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान सरदार प्रतीम ङ्क्षसह ने बजट प्रतिक्रिया में कहा कि पानीपत में कपड़ा उद्योग ऐ लिए बुनियादी ढांचे को बढावा देने के लिए तीन माह में पीपीपी मोड पर तंत्र बनाया जाना स्वागत योग्य कदम है। यहां पर औद्योगिक स्वच्छता के लिए प्रयोग शाला खुलने से भी लाभ मिलेगा। पानीपत विधायक टेक्सटाइल निर्यातक हैं उनका अनुभव काम आया। उन्होंने जो बातें रखी उसे बजट में स्थान मिला।