Kisan Andolan ! संयुक्त किसान मोर्चा की दिल्ली में आज बैठक, क्या एनसीआर में फिर शुरू होगा आंदोलन

दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (शाहजहांपुर, टीकरी, सिंघु और गाजीपुर) पर एक साल से भी अधिक समय तक धरना प्रदर्शन करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा की सोमवार को दिल्ली में अहम बैठक होने जा रही है। इसमें एमएसपी समेत करीब आधा दर्जन मांगों को लेकर प्रगति पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा,  दिल्ली में होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की इस राष्ट्र स्तर  की बैठक में आगे की तैयारी, समीक्षा और एजेंडा पर विचार विमर्श किया जाएगी। बताया जा रहा है कि लखीमपुर कांड के मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा को जमानत मिलने के बाद पीड़ित परिवारों और गवाहों की जान को खतरा बढ़ गया है। वहीं, आरोप है कि सरकार मूकदर्शक बनकर एक और लखीमपुर जैसी घटना का इंतजार कर रही है। किसान संगठनों का मानना है कि केंद्र सरकार ने बेशक तीन कृषि कानून वापस ले लिए पर अन्य सभी वादों से सरकार पीछे हटती नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा की इस बैठक पर केंद्र सरकार के अलावा यूपी और हरियाणा सरकार की भी नजर रहेगी।

मीडिया को मुहैया कराई गई जानकारी के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी संगठनों की आगामी राष्ट्रीय बैठक सोमवार (14 मार्च 2022) को दिल्ली में आयोजित ही जाएगी। यह बैठक सोमवार सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के पास होगी।

इस बैठक का एजेंडा

1. 9 दिसंबर को सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन पत्र की समीक्षा

2. लखीमपुर खीरी कांड में अब तक हुई प्रगति

3. एमएसपी के मुद्दे पर राष्ट्रीय कार्यक्रम की योजना

4. संयुक्त किसान मोर्चा का विधान और संगठन

5. मोर्चे के फंड की स्थिति

6. शहीद स्मारक की योजना

7. पंजाब चुनाव में भाग लेने वाले संगठनों के बारे में फैसला

ये नेता होंगे बैठक में शामिल

  • डा. दर्शनपाल
  • हन्नान मोल्ला
  • जगजीत सिंह डल्लेवाल
  • जोगिंदर सिंह उगराहां
  • शिवकुमार शर्मा (कक्का जी)
  • युद्धवीर सिंह
  • योगेंद्र यादव

बता दें कि हरियाणा के शाहजहांपर, सिंघु और टीकरी बार्डर के साथ यूपी गेट पर भी तीनों कृषि कानूनों के विरोध में 28 नवंबर, 2021 से एक साल तक प्रदर्शन चला, प्रदर्शनकारियों ने यूपी गेट पर राष्ट्रीय राजमार्ग-नौ, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और संपर्क मार्ग पर तंबू गाड़ कर कब्जा किया था। तंबुओं के किनारे ईंट-सीमेंट से करीब एक-डेढ़ फीट ऊंची दीवार बना दी थी। पानी की टंकियां लगा दी थीं। यूपी गेट से करीब एक किलोमीटर पहले अपना खुद का चेकपोस्ट भी बना दिया था। इस तरह से प्रदर्शनकारियों ने पूरी तरह से रास्ता बंद कर रखा था। कोई पैदल भी दिल्ली नहीं जा पाता था। इसके बाद दिसंबर में जाकर आंदोलन खत्म हुआ और लोगों को राहत मिली।