हरियाणा में पिछले तीन साल के दौरान पौने तीन लाख बुजुर्गों की पेंशन रोकी अथवा काटी गई है। डबवाली से कांग्रेस विधायक अमित सिहाग के सवाल पर प्रदेश सरकार ने 2019 से अभी तक की पेंशन का आंकड़ा सदन के पटल पर रखा।
पेंशन कटौती करने या रोकने का यह मामला सरकार द्वारा शुरू किए गए परिवार पहचान-पत्र (पीपीपी) की शुरुआत के बाद हुआ है। पीपीपी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने वालों लोगों ने अपनी आय अधिक दर्शाई है, जिसकी वजह से उनकी पेंशन रुकी या काटी गई है।
हालांकि प्रदेश सरकार इस आय राशि को ठीक करने का विकल्प पहले ही दे चुकी है और कह चुकी है कि साढ़े तीन लाख रुपये वार्षिक तक आय वाले लोगों को भी पेंशन देने का सरकार का इरादा है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ओमप्रकाश यादव ने सोमवार को सदन में अपने लिखित जवाब में पहली जनवरी 2019 से लेकर 28 फरवरी 2022 तक का आंकड़ा पेश करते हुए विपक्ष को संतुष्ट करने की कोशिश की। यादव ने सदन में बताया कि 2 लाख 77 हजार 676 लोगों की पेंशन रोकी या काटी गई है।
हरियाणा में 60 साल की उम्र के बाद बुजुर्गों को वृद्धावस्था सम्मान पेंशन के रूप में 2500 रुपये मासिक पेंशन मिल रही है। उन्हीं बुजुर्गों को पेंशन मिलती है, जिनकी सालाना आय दो लाख रुपये से कम है। सरकार ने दावा किया है कि पीपीपी पर रजिस्ट्रेशन के बाद सरकार ने केवल उन्हीं बुजुर्गों की पेंशन रोकी है, जिनकी सालाना आय साढ़े तीन लाख रुपये से ज्यादा है।
हरियाणा सरकार पेंशन के लिए तय आय की सीमा को बढ़ाकर साढ़े तीन लाख तक करने की तैयारी में है। विपक्षी दलों द्वारा विधानसभा में यह मुद्दा भी उठाया जा रहा है कि सरकार 60 साल से अधिक के सभी बुजुर्गों को पेंशन दे। इसमें सालाना आय की किसी तरह की शर्त नहीं होनी चाहिए।
वहीं, स्कूल न जा सकने वाले 18 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों को 1900 रुपये की आर्थिक मदद सरकार हर साल कर रही है।
जिला आंकड़ा
पंचकूला 4204
अंबाला 16689
यमुनानगर 15210
कुरुक्षेत्र 13718
करनाल 18251
पानीपत 11791
सोनीपत 15262
झज्जर 11493
गुरुग्राम 7367
फरीदाबाद 9971
पलवल 10217
मेवात 7502
रेवाड़ी 10325
महेंद्रगढ़ 12998
दादरी 6195
भिवानी 11988
हरिणा विधानसभा में सोमवार को विधायकों ने प्रश्नकाल में कई ऐसे मुद्दे उठाए जिनका सीधा सरोकार पूरे प्रदेश से है। पंचों को पेंशन, किसानों को मुआवजा, स्वास्थ्य सुविधाओं, अवैध खनन, खस्ताहाल सड़कों और आइएमटी के सहित अन्य कई सवाल विधायकों ने पूछे। जवाब में संबंधित मंत्रियों ने योजनाओं-परियोजनाओं पर चल रहे कार्यों की रिपोर्ट सदन में रखी। पेश हैं कुछ प्रमुख मुद्दे:
सवाल- क्या प्रदेश सरकार ने पंचायतों के पूर्व सदस्यों के लिए पेंशन की घोषणा की है। यदि हां तो पंचायत के पूर्व सदस्यों को कब तक पेंशन दिए जाने की संभावना है? -प्रदीप चौधरी, कांग्रेस विधायक
जवाब – प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 1994 के बाद चुने गए जिला परिषद के पूर्व प्रधान, पूर्व उपप्रधान, पंचायत समिति के पूर्व अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंचों को पेंशन दी जा रही है। यह पेंशन केवल उन्हीं लाभार्थियों को दी जाती है जिन्होंने ढाई साल से अधिक का कार्यकाल पूरा किया तथा जो बुढ़ापा पेंशन को छोड़कर अन्य किसी तरह की पेंशन नहीं ले रहे। पंचायत सदस्यों को पेंशन देने का अभी कोई विचार नहीं है।-देवेंद्र सिंह बबली, विकास एवं पंचायत मंत्री।
सवाल- क्या पलवल में आइएमटी स्थापित करने का कोई प्रस्ताव है। यदि हां तो यह एमआइटी कब तक स्थापित करने की योजना है? -दीपक मंगला, भाजपा विधायक
जवाब – प्रदेश सरकार कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे के किनारे पांच नए औद्योगिक शहर बसाएगी। इनमें पलवल शहर भी शामिल है। जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने के बाद पलवल में भी विकास के नए रास्ते खुलेंगे। पदमा योजना के तहत वन ब्लाक वन प्रोडक्ट का प्लान तैयार किया है जिससे प्रदेश में विकास एवं रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। पानीपत के नौल्था गांव के पास से गुजरने वाली पानीपत-रोहतक रेलवे लाइन के नीचे अंडरपास बनाया जाएगा। -उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला
सवाल : पिछले दो सालों में बीमा कंपनियों ने किसानों से कितना प्रीमियम लिया और कितना मुआवजा दिया। क्या गुलाबी सुंडी तथा बेमौसमी बारिश से से क्षतिग्रस्त फसलों के लिए मुआवजे का प्रविधान है? -शीशपाल केहरवाला, कांग्रेस विधायक
जवाब – दो वर्षों में कीट और बेमौसमी बारिश से हुए नुकसान के कारण किसानों को 1357 करोड़ रुपये का मुआवजा बीमा कंपनियों ने दिया है। वर्ष 2020-21 में किसानों ने कुल प्रीमियम 341 करोड़ रुपये दिया, जबकि उन्हें 1151करोड़ रुपये मुआवजा मिला। इसी तरह 2021-22 ( केवल खरीफ) के तहत किसानों से 242 करोड़ रुपये प्रीमियम के बदले 1017 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना है। इसमें से 535 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। -जय प्रकाश दलाल, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री
सवाल – प्रदेश में पिछले तीन वर्षों के दौरान उन मामलों की जिलावार संख्या कितनी है जिनमें अवैध खनन करने वालों के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई की है? -आफताब अहमद, कांग्रेस विधायक
जवाब -प्रदेश में संगठित अवैध खनन का कोई मामला नहीं पाया गया है। हालांकि खनिजों की चोरी की छिटपुट घटनाएं संज्ञान में जरूर आती हैं। अवैध खनन रोकने के लिए उपायुक्तों की अध्यक्षता में जिलास्तरीय टास्क फोर्स गठित की गई हैं जिनमें पुलिस अधीक्षक और वरिष्ठ अधिकारी होते हैं। पुलिस की दो विशेष प्रवर्तन टीमें भी गठित की गई हैं। पिछले तीन वर्षों में अवैध खनन में 7727 वाहन पकड़े गए और 134 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हुए 1727 एफआइआर दर्ज की गईं हैं। -मूलचंद शर्मा, परिवहन और खनन मंत्री।
सवाल – क्या झज्जर शहर से गांव गवालिसोन, छुछकवास तथा मातनहेल से गांव बहु तक सड़क बुरी हालत में है। क्या इसे चारमार्गी करने का प्रस्ताव है? -गीता भुक्कल, कांग्रेस विधायक
जवाब -छुछकवास से बहु तक की सड़क को सात से बढ़ाकर दस मीटर तक चौड़ा किया जाएगा। इस सड़क पर आने वाले हर गांव में स्ट्रीट-लाइट लगाई जाएगी। केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी ने हिसार-तोशाम-बाढड़ा-सतनाली-महेंद्रगढ़-कनीना-रेवाड़ी से होते हुए केएमपी एक्सप्रेस-वे से जुड़ने वाले नए प्रस्तावित हाईवे को भी अपनी सहमति दे दी है। महेंद्रगढ़ के पास दो नए हाईवे तैयार हो रहे हैं। इनके बनने से महेंद्रगढ़ शहर में भारी वाहनों का लोड कम हो जाएगा। -उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला
सवाल – क्या सिरसा में स्वीकृत चिकित्सा महाविद्यालय का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ है। इसका निर्माण कार्य कब से होने की उम्मीद है? -गोपाल कांडा, विधायक, हरियाणा लोकहित पार्टी
जवाब -अभी चिकित्सा महाविद्यालय का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। मेडिकल कालेज की ड्राइंग और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट कार्यकारी एजेंसी एचएलएल इंफ्राटेक सर्विसेज लिमिटेड (एचआइटीईएस) द्वारा तैयार की जा रही है। ड्राइंग और विस्तृत रिपोर्ट की स्वीकृति के पश्चात निर्माण कार्य आरंभ करा दिया जाएगा। प्रदेश सरकार की योजना अगले कुछ वर्षों में हर जिले में मेडिकल स्थापित करने की है।- अनिल विज, स्वास्थ्य मंत्री, हरियाणा