Haryana Old Age Pension : हरियाणा में सामाजिक पेंशन को लेकर विपक्ष के आरोपों का राज्य की भाजपा – जजपा सरकार ने जवाब दिया है। दरअसल, राज्य में पौने तीन लाख लोगों की पेंशन बंद होने का कारण सिर्फ उनकी बढ़ी हुई आय ही नहीं है। प्रदेश में 2.42 लाख बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनका देहावसान हो चुका और जिस वजह से सरकार को उनकी पेंशन बंद करनी पड़ी है। राज्य में पिछले तीन साल के दौरान 4.60 लाख नए बुजुर्गों के नाम पेंशन प्राप्त करने वाले लोगों की सूची में जोड़े गए हैं।
राज्य में मृत्यु होने पर बंद हुई करीब 2.42 लाख बुजुर्गों की पेंशन
हरियाणा में विपक्ष पिछले काफी समय से बुजुर्गों की पेंशन कटने का शोर मचा रहा है। राज्य में उन लोगों को ढ़ाई हजार रुपये मासिक पेंशन मिलती है, जिनकी उम्र 60 साल या इससे ऊपर है और आय एक लाख 80 हजार रुपये वार्षिक से कम है। विपक्ष के विरोध के बाद सरकार पेंशन पात्रता के लिए आय की सीमा साढ़े तीन लाख करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इस बार के बजट में राज्य सरकार ने सामाजिक सुरक्षा की मद में बजट में काफी बढ़ोतरी की है।
सात साल में पेंशन का खर्च 1617 करोड़ से बढकर हुआ 5234 करोड़
सात साल में पेंशन का खर्च 1617 करोड़ से बढ़कर 5234 करोड़ रुपये हो चुका है। प्रदेश में पिछले तीन साल में चार लाख 60 हजार बुजुर्गों की पेंशन शुरू होने का मतलब है कि हर साल डेढ़ लाख से अधिक लोगों की नई पेंशन से जोड़ा गया है। प्रदेश में साल 2004 में 9.95 लाख लाभार्थियों को 300 रुपये बुढ़ापा पेंशन मिलती थी, जिस पर 358 करोड़ रुपए का वार्षिक खर्च था। 2014 में 13.47 लाख बुजुर्गों को एक हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से बुढ़ापा पेंशन दी जाती थी। इस पर 1617 करोड़ रुपए खर्च होते थे।
भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार में साल 2022 में 17.45 लाख बुजुर्गों को 2500 रुपये मासिक पेंशन मिलती है, जिस पर 5234 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। इस लिहाज से पिछले सात साल में पेंशन पर होने वाले खर्च को सरकार ने करीब साढे तीन गुणा कर दिया है। वर्ष 2019 में 1 लाख 71 हजार 26, 2020 में एक लाख 29 हजार 16, 2021 में 1 लाख 32 हजार 758 और वर्ष 2022 में अब तक 27 हजार 398 बुजुर्गों की बुढ़ापा पेंशन शुरू हुई है। कुल मिलाकर तीन साल में 4 लाख 60 हजार 198 बुजुर्गों की नई पेंशन लगी है। इसका औसत प्रतिमाह करीब 12 हजार बुजुर्गों को पेंशन से जोड़ने का बनता है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अनुसार साल 2019 से 2022 तक विभिन्न कारणों से दो लाख 77 हजार 676 बुजुर्गों की पेंशन बंद की गई है। इनमें से दो लाख 41 हजार 183 बुजुर्गों की पेंशन मृत्यु होने पर बंद की गई है। सरकार ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ते को परिवार पहचान पत्र के साथ जोड़ दिया है।
सीएम मनोहरलाल के अनुसार, इससे यह भत्ता पाने के लिए लोगों को कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। व्यक्ति की आयु 60 वर्ष की होने पर उसकी वृद्धावस्था पेंशन खुद लग जाएगी। मुख्यमंत्री का कहना है कि प्रदेश में हर हकदार को पेंशन अवश्य मिलेगी।