Parsi New Year Nowruz 2022: आज पारसी समुदाय नया साल यानी नवरोज बड़े ही धूमधाम से मनाया रहा है। इस दिन को आस्था के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। नवरोज दो पारसी शब्द नव और रोज से मिलकर बना है। इसका मतलब है-नया दिन। इस दिन के साथ ही पारसी समुदाय में नए साल की शुरुआत हो जाती है। इस दिन को नवरोज के अलावा नौरोज़, जमशेदी नवरोज, पतेती जैसे नामों से जाना जाता है। जानिए नवरोज मनाने का कारण और किस तरह इस पर्व को मनाते हैं पारसी समुदाय के लोग।
इस तरह मनाया जाता है नवरोज उत्सव
इस दिन पारसी समुदाय के लोग सुबह जल्दी उठकर तैयार हो जाते हैं और विभिन्न तरह के व्यंजन बनाते हैं। इन्हें वह अपने करीबियों और दोस्तों को बीच बांटते हैं। इसके साथ ही एक-दूसरों को गिफ्ट्स देते हैं। माना जाता है कि इस दिन उपहार देने के साथ राजा जमशेद की पूजा करने से घर में हमेशा खुशहाली बनी रहती है।
पारसी मंदिर में विशेष प्रार्थना सभाएं होती है। इसके साथ ही पिछले साल उन्होंने जो कुछ भी पाया। उसके लिए वह भगवान का आभार वक्त करते हैं।
मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि नवरोज के जिन पारसी समुदाय के लोग अपने घरों में चंदन की लकड़ी का छोटा सा टुकड़ा रखते हैं। चंदन की महक से हवा शुद्ध होने के साथ खुशबू चारों ओर फैलती रहती है।
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